देश के प्रमुख हिंदुत्ववादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने केंद्र के सत्ताधारी दल भाजपा को मोदी सरकार की घटती लोकप्रियता को लेकर सचेत किया है। अपने विभिन्न संगठनों के माध्यम से जुटाई गई रिपोर्टों के आधार पर आरएसएस ने आर्थिक मंदी, नोटबंदी, बेरोजगारी और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों पर आम जनता में बढ़ रही निराशा को लेकर भाजपा को सचेत किया है। आरएसएस ने मोदी सरकार के वरिष्ठ नेताओं को आगाह किया है कि आम लोग सत्ताधारी भाजपा सरकार की नीतियों के बारे में सवाल और बहस कर रहे हैं। रिपोर्ट में आरएसएस ने यह कहा है कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी अब भी लोकप्रिय हैं लेकिन उनकी सरकार के कार्यकाल से लोग बहुत खुश नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत निश्चित नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अभी बीते दिनों ही उत्तर प्रदेश के मथुरा में तीन दिवसीय समन्वय कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। आरएसएस ने भाजपा के सुशासन काल के दौरान लोकप्रिय रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि अटल जी अपने कार्यकाल में लोकप्रिय थे मगर आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा हार गई थी। अब दोबारा भाजपा उसी राह पर अग्रसर है। मथुरा में आयोजित समन्वय कार्यक्रम में आरएसएस ने मोदी सरकार के 3 साल के कार्यकाल की जमीनी रिपोर्टों का विश्लेषण किया था।
आरएसएस की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि संघ से जुड़े कई संगठन मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खासे नाराज हैं। संगठन नेताओं का कहना है कि लोगों को नरेंद्र मोदी से यह उम्मीद थी कि वह सत्ता में आने के बाद देश में स्विस बैंकों में जमा कालाधन वापस लाएंगे। नोटबंदी से भी लोग काफी आस लगाए बैठे थे पर अब वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने आगामी 17 नवंबर से राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इससे पूर्व साल 2015 में भी भारतीय मजदूर संघ ऐसा ही प्रदर्शन करने वाली थी पर आखिरी वक्त में उसने अपना फैसला वापस ले लिया था।