Sat. Nov 23rd, 2024
    मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

    देश की सबसे प्रमुख प्रबंधन संस्था ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM)’ का आंतरिक स्वरूप अब एक बदलाव दे गुजरने जा रहा है।

    केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सोमवार को यह घोषणा की है कि देश में स्थापित सभी आईआईएम के लिए नए आईआईएम एक्ट के तहत नए ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर’ की नियुक्ति की जाएगी।

    मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार सभी बोर्ड को अब नए सिरे से बना होगा, इसी के साथ इन नए बोर्ड में पिछले बोर्ड के तीन सदस्य भी शामिल होंगे। इन तीन सदस्यों में संस्थान के वर्तमान डायरेक्टर, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

    बोर्ड के सदस्य ही चेयरमैन का चुनाव करेंगे।

    यह भी पढ़ें: आईआईएम कलकत्ता ने दिलवाया इस साल रिकॉर्ड 100 प्रतिशत प्लेसमेंट

    केंद्र ने मंत्रालय के इस कदम को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा है कि इससे देश के सबसे प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में व्यापक स्वायत्ता उपलब्ध होगी।

    हालाँकि इसे लेकर कई आईआईएम में बड़े स्वर में विरोध की खबरें आ रहीं हैं। संस्था से जुड़े कई लोगों का मानना है कि सरकार का यह कदम पहले ही स्तर पर गलत है। आईआईएम बोर्ड का चेयरमैन ही संस्थान के डायरेक्टर का चयन करता है, ऐसे में डायरेक्टर कैसे चेयरमैन का चयन कर पाएगा?

    इसी के साथ सवाल ये भी उठ रहा है कि आईआईएम लखनऊ और आईआईएम कलकत्ता में वर्तमान में कार्यकारी डायरेक्टर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, ऐसे में क्या वे भी बोर्ड के सदस्य बनेंगे?

    मालूम हो कि नए ‘बोर्ड ऑफ डायरेक्टर’ के निरधारण की योजना मानव संसाधन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय और पीएमओ के साथ मिल कर तैयार की है।

    यह भी पढ़ें: 316 करोड़ के लोन से आईआईएम अहमदाबाद करेगा बुनियादी ढाँचे में बड़ा सुधार

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *