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    पीपीएफ अकांउट

    भारत सरकार नें छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में बढौतरी करने का फैसला लिया है। इनमें पीपीएफ, एनएससी आदि में 0.4 फीसदी तक विकास दर को बढ़ा दिया है।

    सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग के करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा, जो पीपीएफ आदि के जरिये पैसे निवेश करते हैं।

    ब्याज दर में किये गए बदलाव वित्तीय वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही से लागू होंगें, जो 1 अक्टूबर से शुरू होगा और 31 देकोम्बेर 2018 को ख़त्म होगा।

    ब्याज दर में बदलाव होने के बारे में मुख्य बातें:

    1. पीपीएफ और एनएससी में पहले जहाँ सालाना 7.6 फीसदी का ब्याज मिलता था, वह बढ़कर अब 8 फीसदी हो गया है।
    2. पांच साल के टर्म डिपाजिट और सीनियर सिटीजन सेविंग खाते का ब्याज बढाकर क्रमश 7.3 फीसदी और 8.7 फीसदी कर दिया है।
    3. किसान विकास पात्र, जिसमें 7.7 फीसदी का ब्याज मिलता है, वह अब 112 महीनों में पूरा हो जाएगा, जहाँ पहले इसमें 118 महीनें लगते थे।
    4. सुकन्या समृद्धि योजना, जिसमें पहले 8.1 फीसदी का ब्याज मिलता था, उसमें अब 8.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
    5. इसके अलावा 1 से तीन सालों के टर्म डिपाजिट में 0.3 फीसदी अधिक ब्याज मिलेगा।
    6. सेविंग खातों में ब्याज 4 फीसदी पर ही रखा गया है।
    7. सभी खातों पर ब्याज कंपाउंड इंटरेस्ट के हिसाब से लगेगा।

    ब्याज दर में बदलाव

    विभिन्न खाते30.09.2018 तक लगने वाला ब्याज01.10.2018 से लगने वाला ब्याजकंपाउंड दर
    सेविंग खाता44सालाना
    1 साल का बचत खाता6.66.9हर तिमाही
    2 साल का बचत खाता6.77हर तिमाही
    3 साल का बचत खाता6.97.2हर तिमाही
    5 साल का बचत खाता7.47.8हर तिमाही
    5 साल का लगातार बचत खाता6.97.3हर तिमाही
    5 साल का सीनियर सिटीजन खाता8.38.7हर तिमाही
    5 साल का मंथली अकाउंट7.37.7हर महीने
    5 साल का एनएससी7.68सालाना
    पीपीएफ7.68सालाना
    किसान विकास पात्र7.37.7सालाना
    सुकन्या समृद्धि योजना8.18.5सालाना
    (स्त्रोत:वित्त मंत्रालय)

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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