Fri. Apr 19th, 2024
    डॉलर बनाम भारतीय रुपया

    लगातार दो सप्ताह डॉलर के मुकाबले गिरने के बाद रुपए नें पिछले दो दिनों में मजबूती दिखायी है। कल बुधवार 19 सितम्बर को बाजार बंद होने तक रुपया 61 पैसे मजबूत होकर 72.32 पर बंद हुआ।

    रुपए के रिकॉर्ड तोड़ गिरने के कई कारण बताये जा सकते हैं, जिसमें मुख्य हैं: कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध आदि।

    ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि आरबीआई नें शुरुआत में रुपए को संभालने के लिए कुछ ख़ास नहीं किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह सरकार नें आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के साथ एक बैठक की थी, जिसमें रुपए को संभालने के लिए कई फैसले लिए गए थे।

    रिज़र्व बैंक के एक फैसले के मुताबिक विदेशी व्यक्ति अब बड़ी आसानी से बांड खरीद सकता है। इससे देश में प्रत्यक्ष निवेश बढेगा, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा बताया जाता है।

    इस बारे में आरबीआई नें अपने सन्देश में कहा था, “यह निश्चित किया गया है कि जो लोग निर्माण क्षेत्र में हैं, और 5 करोड़ डॉलर तक के बांड इशू करना चाहते हैं, उन्हें कम से कम 1 साल के लॉक इन पीरियड के तहत बांड इशू कर दिए जाएँ।”

    इसमें बड़ा बदलाव किया गया है कि पहले इस प्रकार के बांड में लॉक इन पीरियड 3 साल का होता था, जिसे अब 1 साल कर दिया है। इससे बाहरी निवेशकों में निवेश करने का उत्साह बढ़ेगा।

    ऐसा माना जा रहा है कि यह फैसला नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी बैठक के बाद लिया गया है।

    ऐसे में सरकार की कोशिश है कि बांड इशू करके ज्यादा से ज्यादा पैसा अर्थव्यवस्था में डाला जाए, जिससे वर्तमान परिस्थिति से आराम मिल सके।

    आरबीआई नें अन्य बैंकों को इस बारे में कहा है, “अब यह फैसला लिया गया है कि भारतीय बैंक विदेशी निवेशकों को बांड इशू कर सकते हैं।”

    आपको बता दें कि सिर्फ आरबीआई ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी रुपए को 73 के पार पहुँचने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

    सरकार नें इसके अलावा हाल ही में शेयर बाजार में भी कई अहम् फैसले लिए गए हैं। सेबी नें शेयर बाजार में निवेश करने के फैसलों की घोषणा की।

    इन फैसलों में म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में कई बदलाव किये गए हैं। इनमें एक अहम् बदलाव जो है, वह है एनआरआई निवेशकों के लिए निवेश को आसान बनाना।

    सेबी का कहना है कि इससे देश के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश बढेगा जो बाजार को मजबूत करेगा।

    ऐसे में यह तो जाहिर है कि सरकार रुपए को संभालने के लिए गंभीर है और विभिन्न संस्थाओं की मदद से अहम् फैसले ले रही है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *