देशभर में विधानसभा चुनावों में नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रही भाजपा के लिए एक बुरी खबर आई है। हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि आगामी विधानसभा चुनावों में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की सत्ता वापसी होगी और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। कर्नाटक में अगले वर्ष अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। सी फोर ने यह सर्वे कर्नाटक में 19 जुलाई से 10 अगस्त के बीच कराया था। सर्वे कराने वाली कंपनी सी फोर ने दावा किया है कि इस सर्वेक्षण में सवालों का जवाब देने के लिए व्यवस्थित यादृच्छिक नमूना पद्धति का इस्तेमाल किया गया है। इस सर्वे के दौरान 165 विधानसभा क्षेत्रों के कुल 24,679 मतदाताओं का संरक्षित प्रश्नावली का उपयोग करते हुए साक्षात्कार लिया गया।
अगर सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें तो इस हिसाब से कांग्रेस के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने के आसार नजर आ रहे हैं। सर्वे के मुताबिक़ कांग्रेस को कर्नाटक में 120-132 सीटें मिल सकती हैं। राज्य विधानसभा में कुल 225 सीटें हैं और इस लिहाज से बहुमत का आंकड़ा 113 सीट का है। भाजपा को 60-72 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं कर्नाटक के क्षेत्रीय दल जनता दल (सेक्युलर) को 24-30 सीटें मिलने की उम्मीद है। अन्य दलों को 1-6 सीटें मिलने की उम्मीद है। अगर मतों के प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 43 फ़ीसदी मत मिलने की सम्भावना जताई गई है। भाजपा को 32 फीसदी मत मिलने की उम्मीद है। जनता दल (सेक्युलर) के पक्ष में 17 फीसदी मत पड़ने की सम्भावना है।
यह सर्वे 340 शहरी और 550 ग्रामीण जगहों पर किया गया। एक बार फिर से मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया को 46 फ़ीसदी लोगों ने पसंद किया वहीं 53 प्रतिशत लोग राज्य में कांग्रेस सरकार के काम से संतुष्ट नजर आये। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा चलाई गई अन्ना भाग्य योजना को लोगों ने सबसे ज्यादा सराहा है वहीं कांग्रेस सरकार के दौरान प्रमुख समस्याओं में बेरोजगारी, पानी की कमी, ख़राब सड़कें और कूड़ा निपटारा है। प्रदेश सरकार अभी तक इन समस्याओं का कोई हल नहीं निकाल पाई है। सर्वे करने वाली कंपनी सी फोर का दावा है कि उसने सर्वे में विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों का प्रतिनिधित्व उनके वास्तविक अनुपात के आधार पर किया था।