Fri. Nov 22nd, 2024
    Vesta Asteroid in Hindi

    विषय-सूचि

    वेस्टा क्षुदग्रह की जानकारी (What is Vesta Asteroid in Hindi)

    वेस्टा मंगल एवं जुपिटर ग्रह की बीच पड़ने वाले क्षुदग्रह बेल्ट का दूसरा सबसे बड़ा क्षुदग्रह है। पहला स्थान सेरस का है। यह सबसे चमकदार क्षुदग्रह है और कभी कभी रात की समय खुली आँखों से भी दिख जाता है।

    यह उन चार क्षुदग्रहों में से एक है जिसपर अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान भेजा गया था। 2011 में The Dawn मिशन इसके सतह पर भेजा गया था जिसके कारण वहां के पथरीले सतह की बारे में पता चल सका।

    वेस्टा क्षुदग्रह का इतिहास (History of Vesta Asteroid in Hindi)

    • साल 1596 में जब जोहानस केप्लेर कई ग्रहों के घूर्णन गति का अवलोकन कर रहे थे, तब गणित की फॉर्मूलों की आधार पर उन्होने अनुमान लगाया कि मंगल और जुपिटर की बीच में भी चक्कर लगाने वाला कोई ग्रह होगा।
    • इसी अध्ययन की आधार पर टीटस एवं बोड नामक वैज्ञानिकों ने इन क्षुदग्रहों को लगभग खोज निकला था, लेकिन असली सफलता जर्मन वैज्ञानिक हेनरिच औल्बेर्स को सन्न 1798 में मिली जब उसने कुछ क्षुद्गराहों को पहचान लिया।
    • इसी आधार पर औल्बेर्स ने 1807 में वेस्टा का खोज किया।

    वेस्टा की भौतिक विशेषताएं (Physical Characteristic of Vesta Asteroid in Hindi)

    वेस्टा के सतह पर रौशनी की मौजूदगी है एवं गहरी परतें भी दिखाई पड़ती हैं। इसके सतह की अध्ययन से यह पता चला कि यहां का क्षेत्र बैलिस्टिक है।

    यह अनुमान है कि सालों पहले यहां लावा कि मौजूदगी रही होगी। यहाँ का सतह अनियमित है और काफी खुरदरा है।

    इसका व्यास 530 किमी है, अपनी धुरी पर घूमने में साढ़े 5 घंटे लेता है और लगभग साढ़े तीन साल में अपनी परिक्रमा पूरी करता है। इसका तापमान -188॰ से 18॰ सेल्सियस की बीच रहता है।

    सतह एवं संरचना (Structure & Composition of Vesta Asteroid in Hindi)

    साल 1996 में जब वेस्टा क्षुदग्रह पृथ्वी की सबसे नजदीक था, तो वैज्ञानिकों ने हब्बल टेलिस्कोप की मदद से इसके सतह का मापकारन किया।

    इससे यह पता चला कि इसके सतह पर 460 किमी लम्बा गड्ढा है जो किसी दूसरे क्षुदग्रह  से टकराने से बना है। उस टक्कर की कारण जो पिंड बना उसे वेस्टरॉइड का नाम दिया गया। फिर यह सूर्य की परिक्रमा करने लग गया।

    इसका क्रस्ट तरल लावा से बना हुआ है, मेंटल वाला भाग पूरी तरह से पथरीला है एवं कोर भाग लोग और निकेल से बना हुआ है।

    जब इसके ऊपर पाए जाने वाले ज्वालामुखी सक्रिय हो जाते हैं तो उन्हें शांत होने में 60 घंटे तक लग जाते हैं। जब वे लावा छोड़ते हैं तो उसकी ऊंचाई कई किलोमीटर तक जाती है जो पांच से बीस मीटर तक मोटी हो सकती है।

    2012 में जब The Dawn अंतरिक्ष यान वेस्टा की सतह पर पहुंचा, तो वहां काफी मात्रा में हाइड्रोजन पाया गया। कई चमकदार एवं रिफ्लेक्टिव क्षेत्रों को भी ढूंढा गया जोकि अचरज वाली बात थी।

    साल 1960 में आग का एक गोला ऑस्ट्रेलिया की आसमान में दिखा। जब वह पिंड धरती पर गिरा तो अध्ययन की द्वारा यह पाया गया कि वह वेस्टा क्षुदग्रह का एक भाग है। यह गोला पूरी तरह से प्रोक्सिन से बना हुआ था जोकि लावा का एक प्रमुख अंश है।

    ऐसा कहा जाता है कि अगर जुपिटर नहीं होता तो वेस्टा पक्का एक ग्रह बन जाता है। जुपिटर के खतरनाक गुरुत्वाकर्षण का सौर मंडल पर बहुत भारी प्रभाव रहा है।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

    One thought on “वेस्टा क्षुदग्रह क्या है? तथ्य, जानकारी”
    1. Vesta asteroid ki khoj kisne sabse pehele kab ki thi? Is planet par Abhi Tak kitne space crafts bheje ja chuke Hain?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *