Sat. Nov 23rd, 2024
    बायोटिन के फायदे biotin in hindi

    विषय-सूचि


    शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हम प्रतिदिन अपने आहार में विटामिन्स, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स आदि को लेते हैं। ऐसा हम इसलिए करते हैं ताकि हम अपने शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी न होने दें।

    बात अगर विटामिन्स की जाए तो हम अनेक प्रकार के विटामिन्स का सेवन करते हैं। इनमें से एक प्रमुख विटामिन बायोटिन है जिसे विटामिन H या विटामिन B7 के नाम से भी जाना जाता है।

    इस लेख में हम बायोटिन के फायदे और उसके नुक़सानों के विषय में चर्चा करेंगे। आइए सबसे पहले यह देखते हैं कि बायोटिन की कमी से शरीर में क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं और बायोटिन को किन किन चीज़ों से प्राप्त कर सकते हैं?

    बायोटिन की कमी के लक्षण (deficiency of biotin in hindi)

    • मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द रहना।
    • त्वचा में खुजली, जलन और चिड़चिड़ाहट होना ।
    • पाचन का गड़बड़ होना जैसे पेट में एसिडिटी, गैस या क़ब्ज़ होना।
    • बालों का तेज़ी से झड़ने लगना या पतला हो जाना।
    • याददाश्त कमज़ोर हो जाना।
    • मूड स्विंग की समस्या होना।
    • थकावट का अनुभव करना।

    बायोटिन के स्त्रोत (sources of biotin in hindi)

    • नाश्ते में अंडे और उबले हुए चिकन के द्वारा।
    • भरपूर मात्रा में जल का सेवन करके।
    • चीज़ और बकरे के मांस में भी बायोटिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
    • लंच में मांस के साथ सलाद का सेवन करके भी बायोटिन प्राप्त किया जा सकता है।

    बायोटिन के फ़ायदे (biotin benefits in hindi)

    1. मांसपेशियों और टिश्यूज की मरम्मत करता है बायोटिन (biotin for muscles in hindi)

    जैसा कि हम जानते हैं कि बायोटिन की कमी से मांसपेशियों में तनाव और दर्द बना रहता है। इसका कारण यह है कि मांसपेशियों में होने वाली दिक्कतें बायोटिन की कमी के कारण सही नहीं हो पाती हैं।

    अगर बायोटिन को पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो मांसपेशियों और टिश्यूज में होने वाली समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।

    बायोटिन B कॉम्प्लेक्स विटामिन है और यह शरीर में एमीनो एसिड्स और प्रोटीन के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ा देता है। ऐसा होने पर मांसपेशियां और टिश्यूज तेज़ी से मरम्मत करने लगते हैं।

    बायोटिन ना सिर्फ़ मांसपेशियों की मरम्मत करने का ही कार्य करता है बल्कि यह कोशिकाओं को पुनः बनने के लिए भी प्रेरित करता है।

    बायोटिन ग्लूकोस के मेटाबॉलिज़्म को भी बढ़ावा देता है। इस तरह शरीर नई कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रेरित होता है क्योंकि टिश्यूज में एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। नई कोशिकाएं शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती हैं।

    2. वज़न घटाने में सहायक है बायोटिन (biotin for weight loss in hindi)

    जो लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें बायोटिन का भरपूर सेवन करना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि मोटापे से पीड़ित लोगों को अपने आहार में ऐसी चीज़ों को शामिल करना चाहिए जिनमें कि बायोटिन की प्रचुर मात्रा पाई जाती हो।

    कुछ अध्ययनों से इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि बायोटिन और क्रोमियम का मिला हुआ रुप शरीर में ट्राइ ग्लेसेराइड के लेवल को कम कर देता है जिससे कि वज़न घटाने में सहायता मिलती है।

    यदि शरीर में ट्राइ ग्लेसेराइड का स्तर बढ़ जाता है तो शरीर में फ़ैट बनना शुरू हो जाता है लेकिन बायोटिन ट्राइ ग्लेसेराइड के स्तर को पूरी तरह कम कर देता है।

    बायोटिन शरीर में मेटाबॉलिज़्म प्रक्रिया को भी बढ़ा देता है जोकि वज़न घटाने में काफ़ी हद तक सहायता करती है।

    मेटाबॉलिज़्म सही हो जाने से पाचन भी सुदृढ़ होता है और वसा के कण आसानी से टूटने लगते हैं जिससे कि उनका शरीर में कहीं भी जमाव नहीं होता है।

    वसा के कण टूटकर ना सिर्फ़ शरीर को ऊर्जा ही देते हैं बल्कि वज़न को भी कम करते हैं। कुल मिलाकर बायोटिन वज़न कम करने के लिए पर्फेक्ट डाइट है।

    3. मधुमेह में लाभकारी है बायोटिन (biotin benefits in diabetes in hindi)

    जिन लोगों को टाइप 2 मधुमेह है उनके लिए बायोटिन बहुत फ़ायदेमंद होता है। बायोटिन शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम कर देता है। ऐसे में मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को बहुत आराम मिलता है।

    जिन लोगों में इंसुलिन की कमी होती है उनको बायोटिन का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। शोधों में इस बात को सिद्ध किया गया है कि पर्याप्त मात्रा में लिया गया बायोटिन ग्लाइसेमिक मैनेजमेंट के स्तर को सुधारने में सहायक होता है।

    कुछ समय पूर्व हुए शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि बायोटिन और क्रोमियम को एक साथ लेने से डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति को काफ़ी फ़ायदा पहुँचता है।

    बायोटिन और क्रोमियम के मिले हुए रूप को डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति को इंजेक्शन के माध्यम से भी दिया जा सकता है।

    4. इन्फ्लामेशन की समस्या से देता है राहत (biotin for inflammation in hindi)

    इन्फ्लामेशन की समस्या से राहत पाने के लिए बायोटिन का सेवन करना चाहिए। शोधों में इस बात का दावा किया गया है कि बायोटिन शरीर में प्रोइन्फ्लामेशन साइटोंकाइन्स को बढ़ने से रोकता है ताकि शरीर की इन्फ्लामेशन से रक्षा की जा सके।

    चूँकि बायोटिन मांसपेशियों को भी मज़बूत कर देता है अतः यह भी एक कारण है कि बायोटिन इन्फ्लामेशन की समस्या से आराम देता है।

    5. मस्तिष्क को मज़बूत बनाता है बायोटिन (biotin benefits for brain in hindi)

    बायोटिन मस्तिष्क के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है क्योंकि यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करता है।बायोटिन ना सिर्फ़ याददाश्त को कमज़ोर होने से बचाता है बल्कि यह मेमोरी पावर को भी स्ट्रॉंग करता है।

    बायोटिन न्यूरॉन कोशिका में माइलिन शीथ को बनाने में सहायक होता है। माइलिन शीथ न्यूरॉन कोशिका का एक महत्वपूर्ण भाग है जो कि फैटी एसिड्स से घिरा हुआ होता है और मस्तिष्क व शरीर के अंगों के बीच कम्युनिकेशन को मेंटेन रखने में सहायक होता है।

    ऐसे में माइलिन शीथ में होने वाली कोई भी कमी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को कमज़ोर कर सकती है जिससे कि हमारी मेमोरी पावर कमज़ोर हो जाती है।

    बायोटिन के पर्याप्त सेवन से माइलिन शीथ में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। इसके द्वारा हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी मज़बूत बनती है।

    6. गर्भवती महिलाओं के लिए बायोटिन (biotin for pregnant women in hindi)

    गर्भवती महिलाओं के लिए बायोटिन काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। बायोटिन भ्रूण के विकास के लिए ज़रूरी होता है।

    यदि गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बायोटिन की कमी हो जाएं तो ऐसे में भ्रूण के विकास में काफ़ी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है और शिशु अस्वस्थ पैदा होता है।

    गर्भावस्था के बाद महिलाओं के बाल झड़ने लगते हैं। यह समस्या भी बायोटिन की कमी के कारण ही पैदा होती है।

    अमेरिकन प्रेग्नेंसी असोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार यह दावा किया गया है कि बायोटिन से परिपूर्ण शैम्पू या सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल करने से बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

    कुल मिलाकर गर्भावस्था और गर्भावस्था के बाद होने वाली समस्याओं को अनदेखा करने के लिए गर्भवती महिला के शरीर में बायोटिन की पर्याप्त मात्रा होना अनिवार्य है।

    7. हृदय की समस्याओं का समाधान है बायोटिन के पास (biotin for heart in hindi)

    क्रोमियम और बायोटिन का मिला हुआ रुप शरीर में ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर देता है। इस तरह कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ की संभावनाओं से राहत मिलती है।

    बायोटिन रक्त में पाए जाने वाले वसा के कणों को रक्त से अलग करने का कार्य करता है। इस तरह रक्त को नसों में प्रवाहित होने में आसानी होती है।

    ब्लड शुगर कम हो जाने से आर्टरीज की दीवारों पर वसा जमने नहीं पाती है। इस तरह आर्टरीज ब्लॉक नहीं होने पाती जिससे कि हार्ट अटैक की समस्या से छुटकारा मिलता है।

    इस तरह हमने देखा कि बायोटिन हमारे शरीर को कितना लाभ पहुँचाता है। आइए इसी के साथ एक छोटी सी चर्चा इस बात पर भी करते हैं कि शरीर में बायोटिन का स्तर बढ़ जाने से शरीर को क्या क्या नुक़सान उठाने पड़ सकते हैं।

    बायोटिन के नुकसान (side effects of biotin in hindi)

    1. गर्भावस्था में है नुक़सानदेह

    जैसा कि हम जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बायोटिन की पर्याप्त मात्रा होना अनिवार्य है लेकिन यदि गर्भवती महिला के शरीर में बायोटिन की अत्यधिक मात्रा हो जाए तो ऐसे में उसे और उसके शिशु को काफ़ी नुक़सान भी होते हैं।

    कहा जाता है कि बायोटिन की अत्यधिक मात्रा होने से गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है। इस बात को साबित करने के लिए अभी कोई भी टेस्ट या रिसर्च नहीं हुआ है लेकिन फिर भी यह सलाह दी जाती है कि बायोटिन का सेवन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।

    2. डायरिया का ख़तरा रहता है

    जो लोग बायोटिन के सप्लिमेंट्स की अत्यधिक मात्रा लेते हैं उनको डायरिया का ख़तरा बना रहता है। बायोटिन की अत्यधिक मात्रा पेट ख़राब कर देती है क्योंकि यह पाचन को प्रभावित करती है।

    3. एलर्जी की संभावना बनी रहती है

    बायोटिन कि अत्यधिक मात्रा लेने से शरीर में एलर्जी की समस्या हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि जो लोग बायोटिन की एक भारी डोज लेते हैं उनको नज़ला, जुकाम, शरीर में सूजन, चेहरे और गले में सूजन, त्वचा पर धब्बे पड़ना, खुजली होना या जलन होना, सीने में दर्द की समस्या होना, पेट में जलन की समस्या हो जाती है।

    यक़ीनन बायोटिन की अत्यधिक मात्रा से एलर्जी की समस्या हो जाती है लेकिन हमें किसी भी प्रकार के वहम से बचना चाहिए।

    कहने का मतलब है कि यदि आप बायोटिन की संतुलित मात्रा ले रहे हैं और आपको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो रही तो ऐसे में आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि यह नुक़सान करेगा।

    अगर आपको बायोटिन के सेवन के बाद ऊपर दी हुई समस्याओं में से कोई समस्या दिखाई दें तो ऐसे में यह सोचनीय बात है। वैसे भी किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक है इसलिए बायोटिन के मामले में भी यह बात याद रखें।

    4. दवाइयों के प्रभावों को कम करता है बायोटिन

    अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई ले रहे हैं तो ऐसे में आपको इस बात का ख़ास ख्याल रखना चाहिए कि आप बायोटिन की एक संतुलित मात्रा ही लें।

    अगर आप अत्यधिक मात्रा में बायोटिन ले लेते हैं तो ऐसे में यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाई का असर कम कर सकता है। आगे चलकर आपको मधुमेह का ख़तरा भी बना देता है।

    5. श्वसन तन्त्र में दिक़्क़त पैदा करता है बायोटिन 

    अगर आप बायोटिन की एक भारी मात्रा ले रहे हैं तो आपको फ़ौरन सतर्क हो जाना चाहिए। बायोटिन की भारी मात्रा श्वसन तंत्र में कई तरह की समस्याएं पैदा कर देती है।

    अगर आप अनियमित बायोटिन ले रहे हैं तो आपको साँस लेने में दिक़्क़त, फेफड़ों में दर्द या सीने में जलन की समस्या हो सकती है।

    6. मोटापा और वसा को बढ़ा देता है बायोटिन

    हालाँकि हमने चर्चा की कि बायोटिन मोटापे को कम करता है क्योंकि यह शरीर में वसा के स्तर को कम कर देता है लेकिन यह भी ध्यान में रखने वाली बात है कि यदि बायोटिन की अत्यधिक मात्रा ले ली जाए तो असर उल्टा हो सकता है!

    जी हाँ, अगर आप हद से ज़्यादा बायोटिन प्रतिदिन ले रहे हैं तो आपका वज़न घटने के बजाय बढ़ सकता है। एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें सप्लीमेंट्स के ज़रिए बायोटिन नहीं लेना चाहिए बल्कि उन्हें बायोटिन की कमी को पूरा करने के लिए अत्यधिक जल पीना चाहिए और प्राकृतिक आहारों का सेवन करना चाहिए।

    अगर वे शरीर में बायोटिन की कमी को पूरा करने के लिए बाहरी सप्लिमेंट्स लेते हैं तो ऐसे में उनके शरीर में बायोटिन का स्तर गड़बड़ हो सकता है क्योंकि यह बायोटिन उनके शरीर में वसा के स्तर को बढ़ा देगा।

    मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को बायोटिन के अतिरिक्त सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह शरीर में ग्लूकोज और फैटी एसिड्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है। फलस्वरूप शरीर का वज़न बढ़ना शुरू हो जाता है और रक्त में शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है।

    7. मुंहासों को जन्म देता है अत्यधिक बायोटिन

    बायोटिन की अत्यधिक मात्रा मुंहासों की समस्या को जन्म देती है। बायोटिन त्वचा में सेबम के उत्पादन को बढ़ावा देता है जिससे कि मुहाँसे तेज़ी से निकलने लगते हैं।

    8. बायोटिन खाने से अत्यधिक पसीना आता है

    शरीर में बायोटिन का स्तर बढ़ जाने से यूरीनरी ट्रैक में दिक़्क़त हो जाती है। बार बार पेशाब जाने की समस्या हो जाती है।

    इतना ही नहीं बल्कि शरीर में बायोटिन के स्तर के बढ़ने से भारी मात्रा में पसीना आता है जिससे कि हर वक़्त शरीर में थकावट बनी रहती है।

    इस तरह हमने बायोटिन से संबंधित कई पहलुओं पर चर्चा की। हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको बायोटिन से संबंधित समस्त प्रकार की जानकारियां मिल गई होंगी जो कि आपके लिए काफ़ी उपयोगी भी होंगी।

    यदि लेख से संबंधित आपका कोई भी सवाल है तो आप उसे कमेंट पेटिका में दर्शा सकते हैं।

    5 thoughts on “बायोटिन के फायदे, नुकसान, स्त्रोत, कैप्सूल”
    1. ‌‌‌सर बायोटिन कुत्ते के लिए फायदेमंद है क्या ?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *