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    सेबेस्टियन वेटल

    रविवार को बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर एक नया इतिहास रचा गया। यहां हुए इंडियन ग्रां प्री में रेड बुल के सेबेस्टियन वेटल ने फार्मूला वन रेस जीतकर अपनी हैट्रिक पूरी की और लगातार चौथी बार फार्मूला वन विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे युवा रेसर बनने का इतिहास रच दिया।

    वेटल से पहले यह कारनामा जर्मनी के माइकल शूमाकर ने सात बार,अर्जेंटीना के जुआन मैन्युअल फेजिओ ने पांच बार और फ्रांस के एलेन प्रोस्ट ने चार बार किया है, वेटल चार या उससे अधिक बार फार्मूला वन चैंपियनशिप जीतने वाले चौथे रेसर बन गए।

    वेटल की यह लगातार छठीं जीत है इस सत्र में वेतल के रेस जीतने की संख्या दस हो गयी है और वेटल के अंको की संख्या 322 हो गयी है।

    इंडियन ग्रां प्री के साथ इस 26 वर्षीय रेसर का विशेष नाता है पिछले तीन साल में वेटल यहाँ किसी भी रेस में पराजित नहीं हुए हैं वेटल ने अपनी टीम रेड बुल कंस्ट्रक्टर्स के लिए चैंपियनशिप लगातार चौथी बार जीतकर दोहरी उपलब्ब्धि प्राप्त कर ली।

    वेटल के करियर की यह 36 वीं जीत थी इससे पहले लगातार तीसरे वर्ष वेटल ने पोल पोजीशन से शुरुआत करते हुए जीत हासिल की। 5.14 किलोमीटर लम्बे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के 60 लैप को एक घंटे 31 मिनट और 12.1857 सेकण्ड्स में पूरा किया।

    अपनी कार पर नंबर वन का टैग लगाने वाले वेटल ने इस जीत के साथ दिखा दिया की क्यों वो फार्मूला वन के महान रेसर हैं। वेटल के अलावा मर्शडीज के जर्मनी के ड्राइवर निको रोसबर्ग दूसरे और फ्रांस के रोमन ग्रोंज्या तीसरे नंबर पर रहे।

    फ़ोर्स इंडिया के ब्रिटिश ड्राइवर पॉल डी रेस्टा आठवें और उनके साथी जर्मनी के एडिरयन सुतिल नौवें नंबर पर रहेऔर वही चैंपियनशिप में दूसरे नंबर पर चल रहे स्पेन के फर्नाडो अलोंसो ग्यारवें नंबर पर रहे।

    इस सत्र में वेटल मलेशिया, कनाडा, सिंगापूर, बेल्जियम, इटली, बहरीन, जर्मनी, कोरिया, जापान और भारत में जीत चुके हैं।

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