एशियाई शेरों, केसर तथा आमों के विशाल बगानों के लिए प्रसिद्ध तलाला में विधानसभा चुनाव के लिए अब मुकाबला तेज हो गया है। तलाला एक नगर पालिका परिषद है जो गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में स्थित है। चुनावों के मद्देनजर इस जगह को सात अलग-अलग वार्डों में बाँट दिया गया है। भले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां यहाँ की जनता के दिलों पर राज करने का दावा करें लेकिन आने वाले चुनाव में जीत का ताज किसको मिलेगा यह एक जटिल प्रश्न है।
गौरतलब है कि 2012 में इस सीट पर दोनों ही पार्टियों का प्रदर्शन बिलकुल एक समान रहा था। दोनों के ही जीत और हार में बस उन्नीस और बीस का फर्क था। जहाँ कांग्रेस को 44.43 फीसदी वोट मिले थे, तो वहीं भाजपा को 44.38 फीसदी वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस कुछ वोटों से यहाँ की सीट जीत गई थी। इससे पहले 2007 के विधानसभा चुनाव में भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ था । दोनों ही पार्टियों को लगभग एक जैसे वोट मिले थे और बस कुछ वोटों के अंतर से बीजेपी यह सीट जीत गई थी।
पिछले दोनों चुनावों को देखते हुए अब यह कहना कठिन है कि यहाँ से सीट कौन सी पार्टी जीतेगी। 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जाशुभाई धनभाई बराड़ तलाला से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2014 के अनुसार इस चुनावी क्षेत्र में 230 मतदान केंद्र है। 2011 के सेन्सस के आंकड़ों के अनुसार यहाँ की आबादी 2,10,60 है, जिसमें से 11,018 आबादी पुरुषों की है तथा 10,042 आबादी महिलाओं की है। यहाँ का लिंगानुपात औसत 911 है।
पर्यटन के लिए प्रसिद्ध तलाला क्षेत्र साक्षरता के मामले में भी बहुत आगे है। यहाँ की साक्षरता दर 85 फ़ीसदी है। यहाँ पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 1,213 है तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 2,112 है। इस लिहाजन राजनीतिक पार्टियों के लिए यहॉं की दलित आबादी काफी मायने रखती है।
धर्म | कुल योग |
हिन्दू | 91.81% |
मुस्लिम | 7.43 |
सिख | 0.02 |
ईसाई | 0.92 |
बौद्ध | 0.01 |
जैन | 0.33 |
अन्य | 0 |
2011 के अनुसार तलाला की धार्मिक जनसंख्या का आंकलन
धार्मिक दृष्टि से अगर तलाला की जनसंख्या का आंकलन किया जाए तो पाएंगे कि यहाँ पर हिन्दू एक बहुसंख्यक समाज है। इस हिसाब से राजनीतिक पार्टियों के लिए हिन्दुओं की जनसंख्या एक स्वर्णिम वोट बैंक के समान है। बाकी सभी धर्मों के लोग जैसे मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बोद्ध तथा अन्य यहाँ पर अल्पसंख्यक समाज है।
उल्लेखनीय है कि तलाला की सीट से किसी भी पार्टी ने लगातार तीन विधानसभा की सीट को जीतकर हैट्रिक अब तक नहीं लगाया है। यही कारण है कि इस सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।