अमेरिका और चीन के बीच व्यापार के मसलों को सुलझाने के लिए आधिकारिक वार्ता जारी हैं। चीन में बीते हफ्ते बैठक के बाद बुधवार को वांशिगटन में वार्ता शुरू हो गयी है। व्यापार मसलों को खत्म कर समझौते पर पंहुचने के लिए बीजिंग और वांशिगटन काफी नजदीक है।
रायटर्स के मुताबिक, अमेरिका का शुल्क अभी भी अंतिम मसौदे के लिए चुनौती बना हुआ है, जबकि बीजिंग अमेरिका से शुल्क को हटवाना चाहता हैं। अमेरिका के मुताबिक, यह शुल्क तब तक बरकरार रहेगा जब तक यह साफ़ तौर पर स्पष्ट नहीं हो जाता कि चीन इस डील का पालन करेगा।
बीते हफ्ते बीजिंग में आयोजित आठवीं चरण की मुलाकात में चीन ने अमेरिका से अधिक कृषि उत्पादों को खरीदने का प्रस्ताव रखा था। अमेरिका के ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन मनुचिन ने बीजिंग में अमेरिकी समूह का प्रतिनिधित्व किया था और चीन के उप प्रधानमंत्री लिउ ही ने चीनी प्रतिनिधियों का नेतृत्व किया था।
अधिकारीयों के मुतबिक अंतिम डील पर हस्ताक्षर अप्रैल के अंत में फ्लोरिडा के मार ए लागो में आयोजित सम्मेलन में किये जायेंगे। व्यापार युद्ध की शुरुआत के बाद दोनों देशों के बाइक वार्ताओं का दौर जारी है। चीनी उत्पादों पर अमेरिका 1 मार्च से अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने वाला था लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर रोक लगा दी और कहा कि वार्ता की प्रक्रिया जारी रहने तक कोई शुल्क नहीं लगाया जायेगा।
वांशिगटन चाहता है कि अमेरिका अपने बाज़ार के द्वार खोले और उद्योगिक सब्सिडी घटाकर, 375 बिलियन डॉलर के व्यापार अंतर को भरे। डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी उत्पादों के निर्यात पर 250 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया था।
चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले सप्ताह आयोजित जी -20 के सम्मेलन में मुलाकात कर सकते हैं। व्यापार समझौते पर दुनिया की दो ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं टकराती रही है।