Sat. Apr 27th, 2024
    5जी

    भारत सरकार 2019 के मध्य तक देश में 5जी सुविधा लाने जा रही है। इसे पूरी तरह से लागू करने से पहले सरकार इसका परीक्षण करके देख लेना चाहती है।

    इसी क्रम में सरकार ने चीनी कंपनी हुआवे के साथ ही एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सिस्को व नेक को इस परीक्षण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।

    इसे लेकर चीनी कंपनी की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि “हमें 27 सितंबर को भारत के दूरसंचार विभाग (डॉट) से इस परीक्षण में शामिल होने का आधिकारिक न्योता मिला है। हमने अपना प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है, अब हमें जवाब का इंतज़ार है।”

    हालाँकि हुआवे ने इसके पहले एयरटेल के साथ मिलकर लैब में 5जी का परीक्षण किया था, जिसमें उसे 3 जीबी प्रति सेकंड से भी अधिक की स्पीड प्राप्त हुई थी। इसके लिए कंपनी ने 3.5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया था।

    हुआवे इंडिया के सीईओ जेय चेन ने कहा है कि “हमें बताया गया है कि सरकार ने इस परीक्षण के लिए विभिन्न ज़ोन का निर्धारण किया है। सरकार इस ट्रायल में 100 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करेगी। हम दिल्ली में इसका परीक्षण करना चाहते हैं।”

    आपको बताते चलें कि 5जी सेवा का मुख्य उद्देश्य वायरलेस तकनीकी द्वारा 1 जीबी प्रति सेकंड से भी ज्यादा की स्पीड देना है। अभी तक आमतौर पर ये देखा गया है कि ब्रॉडबैंड तकनीकी से तो अच्छी स्पीड प्राप्त हो जाती है, लेकिन मोबाइल कनेक्टिविटी में यही स्पीड घट जाती है।

    इसे लेकर हुआवे का मानना है कि भारत इस समय टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे बड़ा बाज़ार है। कंपनी का उद्देश्य फिलहाल भारत में लंबे समय के लिए निवेश करना है।

    भारत में 2019 के मध्य तक 5जी के परीक्षण शुरू हो जाएंगे, वहीं 2020 तक 5जी की सुविधा व्यावसायिक रूप से सबके सामने आ जाएगी।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *