रिलायंस जिओ वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में भारत में 5G इंटरनेट लांच करेगा ताकि वह 4G इंटरनेट के मामले में दुसरे प्रदाताओं से प्रतिस्पर्धा में ना पिछड़े। इसके मुख्य प्रतिस्पर्धी एयरटेल और वोडफोन हैं जोकि वर्तमान में पूँजी निवेश पा चुके हैं और बाज़ार में बेहतर होने की योजना बना रहे हैं। इनसे एक कदम आगे रहने के लिए जिओ सबसे पहले 5G इंटरनेट लांच कर देना चाहता है।
एयरटेल-वोडा की फंड रेजिंग से हुआ जिओ प्रेरित :
यदि एसबीआईकैप सिक्योरिटीज का मत मानें तो एयरटेल और वोडाफोन द्वारा हाल ही में जो फंड निवेश किया गया है, जिओ उसी से प्रेरित होकर बाज़ार में नयी तकनीक लाने को उत्सुक हुआ है। जिओ को पता है की इतना बड़ा निवेश पाकर एयरटेल और वोडाफोन अवश्य ही 4G मार्किट में निवेश करेंगे जिससे जिओ को हानि हो सकती है। अतः प्रतिस्पर्धा में उन्हें कोई भी मौका ना देने के लिए जिओ यह उन्नत तकनीक लाने की योजना बना रहा है।
एसबीआई कैप के सहप्रमुख राजीव शर्मा का अनुमान :
जिओ को होंगे अनेक फायदे :
राजीव शर्मा ने बताया की उनके अनुसार जिओ नीलामी से 5G एयरवेव खरीद लेगा। यदि जिओ ऐसा करता है तो वह 5G बाज़ार का अकेला टेलिकॉम प्रदाता होगा। एयरटेल और वोडाफोन के 5G बाज़ार में प्रवेश से पहले ही वह ग्राहकों का बड़ा बेस तैयार कर लेगा। एयरटेल और वोडाफोन जोकि अभी अपने घाटे से ही नहीं उभर पाए हैं और निवेश के द्वारा 4G बाज़ार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने की सोच रहे हैं, उन्हें 5G बाज़ार में आने में काफी समय लगेगा।
इसके अलावा यदि जिओ 5G सबसे पहले लाता है तो उसे ब्रॉडबैंड मार्किट में भी बढ़त मिलेगी क्योंकि ग्राहक सबसे ज्यादा इन्टरनेट स्पीड चाहेंगे जोकि जिओ यदि देने में सफल होतः ई तो एयरटेल के समान उसका भी एक बड़ा ब्रॉडबैंड मार्किट तैयार होगा।