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    nitin gadkari

    2019 में नरेंद्र मोदी के स्थान पर खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की संभावना से सम्बंधित एक सवाल पर केन्द्रीय रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने कहा “इसकी सम्भावना शून्य है। मैं जहाँ हूँ वहां खुश हूँ।”

    मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, महाराष्ट्र में एक सरकारी संगठन के प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लिखा है, अगर वह 201 9 के लोकसभा चुनाव जीतना चाहते हैं तो गडकरी को भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करने की इजाजत दी जाए।

    एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा, “इसकी कोई संभावना नहीं है। मैं अभी जहाँ हूँ वहां खुश हूँ। मुझे पहले गंगा काम पूरा करना है, 13-14 देशों में एक्सप्रेस हाईवे एक्सेस कंट्रोल का निर्माण करना है और मैं चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए भी सड़क निर्माण करना चाहता हूँ। मैं इन कार्यों को कर रहा हूँ और इसे पूरा करना चाहता हूं।”

    9,533 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद अरुणाचल प्रदेश से आ रहे वरिष्ठ भाजपा नेता ने पूर्वोत्तर के विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कि उन्होंने कहा कि “पिछली सरकार ने पूर्वोत्तर को अनदेखा किया लेकिन हमारी प्राथमिकताओं में पूर्वोत्तर सबसे पहले था।” उन्होंने कहा 400 किलोमीटर रोड निर्माण के लिए 4000 करोड़ रुपये का पप्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। अरुणाचल एक बड़ा क्षेत्र है लेकिन वहां की आबादी कम है और सीमाई क्षेत्र है। बेहतरीन संपर्क सेवा नहीं हो पाने के कारण वहां बेरोजगारी और गरीबी है लेकिन जब बार वहां सड़क बन जाए फिर वहां नौकरियां भी आ जाएगी।

    उन्होंने कहा, “सड़कों के बन जाने पर वन आधारित उद्योग यहां आ सकता है। मुझे विश्वास है कि पूर्वोत्तर में पिछली सरकारों ने अच्छी तरह से काम नहीं किया है। लेकिन जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो हमने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता देने का फैसला किया।”

    उन्होंने कहा “पिछले 4.5 वर्षों से पूर्वोत्तर में सड़क, रेलवे और विमानन क्षेत्रों में सुधार हुआ है। पूर्वोत्तर में 2.50 लाख करोड़ रुपये का विकास कार्य चल रहा है। पूर्वोत्तर में आगामी विकास पूरी तरह से इस क्षेत्र की छवि को बदल देगा। हमारा सपना पूर्वोत्तर को हमारे देश का एक समृद्ध और विकसित हिस्सा बनाना है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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