Wed. May 8th, 2024
    DMRC

    दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर दिल्ली सरकार को अधिकार मिल जाए तो मेट्रो के किराए में 20-25 फीसदी की कमी हो सकती है। सिसोदिया ने 2017 में मेट्रो का किराया बढाने के लिए भाजपा पत्र निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2017 में मेट्रो का किराया बढ़ गया जिसके कारण यात्रियों की संख्या में कमी आई। “मेट्रो हर किसी की पहुँच में होना चाहिए, चाहे वो रिक्शा चालक हो या ऑटो चालक। वो दिल्ली मेट्रो के किराए की तुलना विश्वस्तरीय शहरों से करते हैं लेकिन क्या वो इसकी तुलना करते हैं कि हमार यहाँ और दुसरे देशों में न्यूनतम मजदूरी में कितना अंतर है?

    उन्होंने कहा कि “हमें हक़ दीजिये ताकि हम फैसला कर सकें। अगर हमें ताकत मिली तो हम मेट्रो का किराया 20 से 25 फीसदी नीचे ला सकते हैं। लेकिन भाजपा नहीं चाहती कि किराये में कमी हो।”

    सिसोदिया दिल्ली विधानसभा में बोल रहे थे। सिसोदिया और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि नौकरशाहों ने मेट्रो के फेस IV को अटकाने की कोशिश की और जब इसे मंजूरी मिली तो प्रोजेक्ट की लागत बढ़ चुकी थी।उन्होंने कहा अधिकारियों ने रूट के चयन पर आपत्ति उठाये, फाइलों को दबा कर बैठे रहे। ये सब केंद्र सरकार के इशारे पर किया गया ताकि दिल्ली सरकार की बदनामी हो। जिस तरह से भाजपा ने मोहल्ला क्लिनिक में अड़ंगे लगाये वैसे ही वो मेट्रो फेज 4 में अड़ंगे लगा रही थी। जिस कारण इसे मंजूर होने में देरी हुई।

    आप के आरोपों पर जवाब देते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि अभी भी अधिकारी वहीँ है, केंद्र सरकार वही है लेकिन अब फ़ाइल पास हो गई। सच तो ये है कि दिल्ली सरकार खुद फ़ाइल दबा कर बैठी थी ताकि केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ सके। भाजपा ने कहा कि दिल्ली सरकार को आदत है अच्छे कामों का क्रेडिट लेने की और असफलताओं का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *