टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में आंकड़ें जारी करते हुए कहा है कि भारत देश में अगस्त 2018 तक 1.18 टेलीकॉम उपभोक्ताओं का बेस बन चुका है। देश में लगभग हर परिवार के पास मोबाइल फोन या टेलीफ़ोन की सुविधा उपलब्ध हो गयी है।
ट्राई ने इसी के साथ बताया है कि देश के कुल टेलीकॉम बाज़ार में भारती एयरटेल की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। भारती एयरटेल इस समय भारतीय टेलीकॉम बाज़ार में 29.64 प्रतिशत की हिस्सेदार है। जबकि दूसरे नंबर पर रिलायंस जिओ कब्जा किए हुए है। टेलीकॉम सेक्टर की सबसे नयी कंपनी जियो के पास इस बाज़ार का 20.50 प्रतिशत हिस्सा है।
इस तरह से भारतीय टेलीकॉम बाज़ार में हिस्सेदारी के मामले में अभी भी एयरटेल सबसे आगे है।
वहीं वोडाफोन और आइडिया की बात करें, तो वोडाफोन इंडिया के पास 19.24 प्रतिशत व आइडिया के पास 18.61 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। अब इन दोनों ही कंपनियों के संयुक्त बाज़ार की बात करें, तब ये 37.85 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ही पहले नंबर पर आ जाती हैं।
ट्राई के आँकड़ों से साफ हुआ है कि भारतीय टेलीकॉम बाज़ार में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी 89.97 प्रतिशत है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ महज 10.03 प्रतिशत बाज़ार पर हिस्सा जमाये हुए हैं।
रिलायंस जियो ने देश में अपनी सुविधा की शुरुआत वर्ष 2016 के सितंबर माह से की थी। इसी के साथ अविश्वासनीय तेज़ी के साथ आगे बढ़ते हुए जियो ने महज 25 महीनों में 25 करोड़ ग्राहकों का बेस तैयार कर लिया है। आज रिलायंस जियो भारत के टेलीकॉम बाज़ार में अपने प्रतिद्वंदीयों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है।
देश की टेलीकॉम कंपनियों के लिए इस समय एमएनपी (मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी) सुविधा परेशानी का सबब बन कर सामने आई है, इसके चलते ग्राहकों को सुविधा देने में जरा सी चूक होने पर ग्राहक के पास अपना मोबाइल नंबर स्थायी रखते हुए ऑपरेटर बदलने की आज़ादी है। ऐसे में ये कंपनियाँ किसी भी तरह से अपने ग्राहकों का पलायन नहीं देखना चाहतीं हैं।