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    हिमाचल प्रदेश चुनाव

    हिमाचल प्रदेश में आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। आगामी 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा और प्रत्याशियों की किस्मत वीवीपीएटी मशीनों में बंद हो जाएगी। हिमाचल में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी सियासी बाजी चल चुके हैं और आशा भरी नजरों से जनता जनार्दन की ओर देख रहे हैं। सत्ताधारी दल कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में सत्ता बचने के लिए जद्दोजहद कर रही है वहीं भाजपा कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने की हर मुमकिन कोशिश करती नजर आ रही है। भाजपा हिमाचल प्रदेश के सियासी और जातीय समीकरणों को भी साध रही है और उसके शीर्ष नेता चुनावी प्रचार में सक्रिय नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस का पूरा दारोमदार ‘राजा साहब’ वीरभद्र सिंह के कन्धों पर टिका है।

    भाजपा ने चुनावी तिथि से 9 दिन पहले आखिरी वक्त पर प्रेम कुमार धूमल को अपना चेहरा घोषित कर सियासी कायापलट की कोशिश की है (सम्बंधित खबर पढ़ें : हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल होंगे भाजपा का चेहरा)। कांग्रेस आलाकमान एक महीने पूर्व ही 6 बार हिमाचल प्रदेश की सत्ता संभाल चुके वीरभद्र सिंह को अपना चेहरा बना चुकी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने मण्डी में रैली कर वीरभद्र सिंह के उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा की थी और कांग्रेस के चुनावी अभियान का श्री गणेश किया था (सम्बंधित खबर पढ़ें : मण्डी की रैली : राहुल गाँधी ने बोला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला)। भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं को रिझाने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब देशभर की जनता को इस बात का इन्तजार है कि हिमाचल की सियासी बाजी किसके हाथ लगती है।

    धूमल ने लगाई कांग्रेस सरकार पर आरोपों की झड़ी

    भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में असफल रही। कानून व्यवस्था बनाए रखने के मोर्चे पर सरकार पूर्णतया विफल रही। कांग्रेस के शासनकाल में राज्य में असामाजिक तत्वों का राज रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के बाद राज्य में दुबारा कानून व्यवस्था कायम करेगी जिससे खनन माफिया, वन माफिया, ड्रग माफिया और अन्य अपराधी गिरोहों को काबू में किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में दुबारा लोकतंत्र बहाल करेगी और मूल्यों को स्थापित करने पर ध्यान देगी क्योंकि सरकार का यही काम होता है।

    उठाया वनों की अवैध कटाई का मामला

    हमीरपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब होते हुए हिमाचल प्रदेश के सियासी दिग्गज प्रेम कुमार धूमल ने राज्य में जारी वनों की अवैध कटाई का मामला उठाया। धूमल ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में माफिया राज कायम करने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने देवभूमि हिमाचल को अपराध भूमि में तब्दील कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी प्राकृतिक सुंदरत के लिए मशहूर हिमाचल की भूमि पर वनों की अवैध कटाई जारी है। अगर सम्बंधित अधिकारी अवैध कटाई रोकने का प्रयास करते हैं तो उनकी पिटाई की जाती है और कई बार तो हत्या तक कर दी जाती है। धूमल ने वन सुरक्षा प्रहरी होशियार सिंह की हत्या का मामला भी उठाया और कहा कि सरकार ने अपना दामन साफ रखने के लिए इस हत्या को खुदकुशी का नाम दे दिया।

    निशाने पर रहे खनन व शराब माफिया

    प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि खनिज सम्पदा से भरपूर हिमाचल प्रदेश में आज खनन माफियाओं का दबदबा है। खनन माफिया हिमाचल प्रदेश की सम्पदा चुराकर देश के अन्य हिस्सों में ले जाकर बेच रहे हैं और उससे करोड़ों कमा रहे है। सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के साथ उनकी मिलीभगत है। धूमल ने शराब माफियाओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वो हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं। धूमल ने कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले वर्ष गठित हिमाचल प्रदेश पेय निगम पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसका गठन केवल कुछ विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया था। कांग्रेस सरकार द्वारा गठित 29 पेय निगमों में से 27 पेय निगम आज घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना किसी आधारभूत संरचना के कांग्रेस सरकार ने राज्य में शराब की आपूर्ति शुरू कर दी जिस वजह से शराब माफिया पैदा हो गए।

    देवभूमि का गौरव लौटाना प्राथमिकता

    प्रेम कुमार धूमल आगामी चुनावों में भाजपा की जीत को लेकर काफी आश्वस्त दिखे। धूमल ने कहा कि भाजपा जब हिमाचल प्रदेश की सत्ता में आएगी तो देवभूमि हिमाचल का गौरव लौटाना उसकी पहली प्राथमिकता होगी। सरकार वन माफियाओं द्वारा मारे गए वन रक्षक प्रहरी होशियार सिंह के नाम पर ड्रग निरोधक दस्ते का गठन करेगी। इसके दस्ते के संचालन मुख्यमंत्री कार्यालय से होगा। इसके अतिरिक्त परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर पूर्व सैनिकों का एक सुरक्षा दस्ता बनाया जाएगा। इसका काम असामाजिक तत्वों पर नजर रखना होगा और यह पुलिस की सहायता करेगा। धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। भाजपा अपने कार्यकाल में राज्य का कर्जा उतारकर इसे आत्मनिर्भर बनाएगी।

    बदले की राजनीति नहीं करेगी भाजपा

    प्रेम कुमार धूमल ने आश्वस्त किया कि हिमाचल प्रदेश की सत्ता में आने के बाद भाजपा बदले की राजनीति नहीं करेगी। भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर आधारित राजनीति करती है और हिमाचल प्रदेश में भी वह सबको साथ लेकर चलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करती है और सत्ता में आने के बाद हम अपना पूरा ध्यान और समय राज्य के विकास पर लगाएंगे। धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारना होगा। अपराधी गिरोहों का उन्मूलन कर राज्य को उसका पुराना गौरव लौटाया जाएगा।

    भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 31 अक्टूबर को प्रेम कुमार धूमल को हिमाचल प्रदेश में भाजपा का चेहरा घोषित किया था। 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से भाजपा हर राज्य में विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाकर लड़ती आई है और नतीजों के आने के बाद मुख्यमंत्री चुनती है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा की यह परंपरा टूट गई। धूमल को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने ‘रूल 75’ को भी ताक पर रख दिया है। मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने पर धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है और यहाँ के लोग अपने नेता को जानना चाहते थे ताकि चुनाव बाद भी जरुरत पड़ने पर मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से ही उन्हें चेहरा बनाकर हिमाचल में चुनाव लड़ती आई है। इसमें कोई नई बात नहीं है।

    भाजपा ने खेला राजपूत दांव

    भाजपा द्वारा घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल पूर्व में 2 बार हिमाचल प्रदेश की सत्ता संभाल चुके हैं। धूमल को साढ़े तीन दशक से अधिक का सियासी अनुभव है। हिमाचल प्रदेश की आबादी में राजपूत समाज की हिस्सेदारी 37 फीसदी है और प्रेम कुमार धूमल राजपूत समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। धूमल की भाजपा संगठन में भी अच्छी पकड़ है। प्रेम कुमार धूमल के पुत्र और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल के युवा वर्ग में खासे लोकप्रिय हैं और भाजपा पिता-पुत्र की इस जोड़ी की लोकप्रियता का फायदा उठाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। शुरुआत में भाजपा द्वारा जे पी नड्डा को अपना चेहरा बनाने के संकेत मिल रहे थे पर कांग्रेस द्वारा वीरभद्र सिंह को आगे करने पर भाजपा ने ऐन वक्त में पैंतरा बदल लिया।

    हिमाचल प्रदेश के लिए भाजपा आलाकमान की पहली पसंद मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा थे। प्रेम कुमार धूमल को ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर भाजपा आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश में जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। हिमाचल प्रदेश के मतदाता वर्ग पर नजर डालें तो राज्य की तकरीबन 37 फीसदी आबादी राजपूत समाज की है। ब्राह्मण मतदाताओं की आबादी 18 फीसदी है। सवर्ण वर्ग को हमेशा से भाजपा का कोर वोटबैंक माना जाता है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए प्रेम कुमार धूमल राजपूत समाज से आते हैं वहीं मोदी सरकार में मंत्री जे पी नड्डा ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर जातिगत समीकरणों के आधार पर देखें तो धूमल का पलड़ा भारी दिखाई देता है। भाजपा आलाकमान ने इसी आधार पर जे पी नड्डा की जगह प्रेम कुमार धूमल को तरजीह दी है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।