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    हिमाचल प्रदेश चुनाव

    9 नवंबर को प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पूर्व हिमाचल प्रदेश की सियासी तस्वीर लगातार बदल रही है। हिमाचल कांग्रेस में उठ रहे बगावती सुरों के बाद राज्य में भाजपा को सत्ता वापसी की राह दिखाई दी थी। हालाँकि कांग्रेस आलाकमान ने हस्तक्षेप कर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह के बीच उभरे मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया था। एक वक्त में लग रहा था कि हिमाचल कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो गया है पर चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस आलाकमान की वीरभद्र सिंह से नाराजगी खुलकर सामने आ गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुई वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में हिमाचल पहुँचे थे। भाजपा ने आखिरी वक्त में प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर हिमाचल की सियासत का रंग बदल दिया।

    प्रेम कुमार धूमल की उम्मीदवारी का असर पूरे हिमाचल प्रदेश में हुआ है। हिमाचल प्रदेश के ‘किंग मेकर’ कहे जाने वाले राजपूत समाज में भाजपा की लोकप्रियता और पकड़ दोनों मजबूत हुई है और कांग्रेस बैकफुट पर जाती दिख रही है। धूमल की उम्मीदवारी से भाजपा को सबसे अधिक फायदा हिमाचल भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले हमीरपुर में हुआ है। धूमल के गृह जनपद हमीरपुर की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। प्रेम कुमार धूमल स्वयं अपने गृह जनपद हमीरपुर की सुजानपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं। धूमल के सुजानपुर से चुनावी मैदान में उतरने से इस सीट की सियासी तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। धूमल की उम्मीदवारी से सुजानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रजिंदर सिंह राणा की राह मुश्किल हो गई है।

    चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में सुजानपुर में नजर आए धूमल

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित चुनावों से 9 दिन पहले प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर सबको हतप्रभ कर दिया। धूमल की उम्मीदवारी के ऐलान ने हिमाचल प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया और भाजपा पूरे जोर-शोर से चुनावी प्रचार अभियान में उतर गई। राज्य भर में चुनावी सभाओं के लिए प्रेम कुमार धूमल की मांग बढ़ गई और इस अंतराल में धूमल ने 39 जनसभाओं में शिरकत की। अपनी चुनावी व्यस्तता के कारण धूमल को अपनी सीट पर प्रचार करने के लिए अधिक समय नहीं मिला। हिमाचल चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिनों 6 व 7 नवंबर को धूमल अपने चुनावी क्षेत्र में नजर आए। धूमल ने इस बार चुनावों में अपनी सीट बदली है।

    हिमाचल प्रदेश चुनाव
    अनुराग ठाकुर के साथ प्रेम कुमार धूमल

    प्रेम कुमार धूमल इससे पूर्व हमीरपुर जिले की ही बामसन सीट से चुनाव लड़ा करते थे। यह पहली बार होगा जब प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे। सुजानपुर विधानसभा सीट भी धूमल के गृह जनपद हमीरपुर में ही स्थित है। धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर पिछले एक दशक से लगातार हमीरपुर से सांसद हैं। इस वजह से धूमल को अपनी सीट पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं थी। सुजानपुर में धूमल का चुनावी प्रचार अभियान उनके बेटे अरुण धूमल और उनके भतीजे अरविन्द धूमल ने संभाल रखा था। पिछले दिनों अनुराग ठाकुर भी सुजानपुर में अपने पिता के लिए वोट मांगते नजर आए थे। धूमल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चुनावी रैलियां करने में व्यस्त थे और सुजानपुर में प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे। उनकी उम्मीदवारी भर से सुजानपुर में माहौल भाजपा के पक्ष में बन गया है।

    धूमल के 2 अनमोल रतन, एक राम दूजा लखन

    सुजानपुर में प्रेम कुमार धूमल का प्रचार अभियान संभाल रहे उनके पुत्र अरुण धूमल गाँव-गाँव जाकर लोगों से मिल रहे थे और ‘कांग्रेस मुक्त हिमाचल’ बनाने का आह्वान कर रहे थे। कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने के लिए वह ख़राब सड़कें और पेयजल समस्या जैसे जमीनी मुद्दों को भी उठा रहे थे। प्रेम कुमार धूमल के भतीजे अरविन्द धूमल चुनावी प्रचार अभियान में अरुण का साथ दे रहे थे। वीरभूमि कहे जाने हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में रक्षा सेवाओं से जुड़े लोग रहते हैं। जिस सुजानपुर से प्रेम कुमार धूमल ने दावेदारी पेश की है वहाँ रक्षा सेवाकर्मियों की बड़ी आबादी है। हमीरपुर से भाजपा सांसद और प्रेम कुनार धूमल के बड़े बेटे अनुराग ठाकुर भी गाँव-गाँव जाकर सैनिकों के परिवारों से मिल रहे थे और केंद्र सरकार के ‘वन रैंक वन पेंशन’ का वादा दोहरा रहे थे।

    हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की सुजानपुर विधानसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 67,065 है। मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 34,671 है। सुजानपुर में कुल 102 चुनाव बूथ बनाए गए है जहाँ 9 नवंबर को मतदान होगा। प्रेम कुमार धूमल के बेटे अरुण धूमल और भतीजे अरविन्द धूमल ने सुजानपुर में भाजपा की सियासी जमीन तैयार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है। धूमल के उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से दोनों गाँव-गाँव जाकर प्रतिदिन 10-12 बैठकें कर रहे थे और दूर-दराज के क्षेत्रों में जाकर भी लोगों से मुलाकात कर रहे थे। हिमाचल भाजपा संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी गाँव-गाँव जाकर लोगों को सत्ताधारी कांग्रेस सरकार की असफलताएं गिना रहे थे। अब सबकी नजर इस ओर टिकी है कि क्या बेटे और भतीजे द्वारा तैयार की गई सियासी बुनियाद पर प्रेम कुमार धूमल भाजपा का विजय पताका फहरा पाएंगे?

    जनता में अच्छी पकड़ रखते हैं राणा

    हिमाचल भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल को चुनावी मैदान में उतारा है। उनके सामने लोकप्रिय स्थानीय कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक रजिंदर सिंह राणा की चुनौती है। रजिंदर सिंह राणा इससे पूर्व 2012 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुजानपुर से चुनाव जीत चुके हैं। क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है और उनकी पहचान जमीन से जुड़े नेता की है। स्थानीय लोगों की माने तो धूमल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पूर्व सुजानपुर में मुकाबला बराबर का था। लेकिन धूमल की उम्मीदवारी के सुजानपुर की तस्वीर बदल गई है। जनता का समर्थन और सियासी रुझान धूमल के पक्ष में जाते देख रहे हैं। हालाँकि राणा अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं फिर भी धूमल की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है।

    भाजपा के लिए टेढ़ी खीर रही है सुजानपुर सीट

    2012 में हुए विधानसभा चुनावों में सुजानपुर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार रजिंदर सिंह राणा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस की अनीता वर्मा को 14,000 से अधिक मतों से हराया था। भाजपा निराशाजनक रूप से तीसरे स्थान पर रही थी। हिमाचल भाजपा के गढ़ हमीरपुर में स्थित होने के बावजूद सुजानपुर सीट जीतना हमेशा से ही भाजपा के लिए एक चुनौती रही है। हालाँकि 2014 लोकसभा चुनावों के वक्त वह कांग्रेस में शामिल हो गए। विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर उन्होंने हमीरपुर से अनुराग ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें शिकस्त हाथ लगी। 2014 में हुए सुजानपुर उपचुनावों में दिवंगत भाजपाई दिग्गज जगदेव चन्द के पुत्र नरेंद्र ठाकुर ने राणा की पत्नी अनीता राणा को 538 मतों से पराजित किया था। इस बार भाजपा ने नरेंद्र ठाकुर को हमीरपुर से चुनावी मैदान में उतारा है।

    प्रेम कुमार धूमल के गृह जनपद और हिमाचल भाजपा का गढ़ होने के नाते हमीरपुर में भाजपा क्लीन स्वीप की फिराक में है। हिमाचल के युवा वर्ग के लोकप्रिय चेहरे और धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर हमीरपुर से ही सांसद हैं। इसी वजह से भाजपा ने हमीरपुर जिले की पाँचों सीटों पर सियासी समीकरणों में फिट बैठ रहे उम्मीदवारों पर दांव खेला है। धूमल को सुजानपुर से चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा इस सीट पर कब्जा जमाना चाहती है। सुजानपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रजिंदर सिंह राणा ने लोकसभा चुनावों की वजह से 2014 में यह सीट छोड़ दी थी। इसके बावजूद स्थानीय जनता में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। हिमाचल कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक राणा ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब सबकी निगाहें इस पर लगी हैं कि जनता चुनावों में अपने पसंदीदा नेता को चुनती है या राज्य के भावी मुख्यमंत्री को।

     

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।