Sun. Nov 17th, 2024
    अब अमित शाह के बाद, स्मृति ईरानी के हेलीकॉप्टर को नहीं मिली पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से उतरने की अनुमति

    पहले ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हेलीकॉप्टर को उतरने का संघर्ष करना पड़ा था और अब उनके बाद, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी इसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उनके हेलीकॉप्टर लैंडिंग में भी रुकावटें आ रही है।

    चूँकि शाह को मंगलवार को ही तबियत बिगड़ने के कारण दिल्ली वापस जाना पड़ा, उनकी जगह रैली का सम्बोधन करने ईरानी आई हैं। जबकि उन्होंने झारग्राम में एक रैली को सम्बोधित किया, वे बीरभूम ज़िले के सिउरी में नहीं जा पाई।

    भाजपा राष्ट्रिय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जो ईरानी के साथ आये थे, उन्होंने राज्य सरकार पर झारग्राम में हेलीकॉप्टर ना उतारने देने का इलज़ाम लगाया और साथ ही ये भी कहा कि उन्हें रैली आयोजित करने की अनुमति काफी दिनों बाद मिली।

    रैली के दौरान, कैलाश ने कहा-“राज्य सरकार ने बुधवार की सुबह तक हमें अनुमति नहीं दी थी जिसके परिणाम-स्वरुप हमें रैली को आयोजित करने में देरी हो गयी। उन्होंने हमें झारग्राम में भी हेलीकॉप्टर उतारने की इज़ाज़त नहीं दी। हमें भारतीय वायु सेना के कालियाकुंड एयरबेस पर उतरना पड़ा था। पुलिस और जिला प्रशासन कह रहा है कि उन्होंने हमे वक़्त पर ही अनुमति दी। वे झूट बोल रहे हैं। ये गन्दी राजनीती है। हम यहाँ से सिउरी जा रहे हैं।”

    भाजपा राष्ट्रिय सचिव राहुल सिन्हा ने इलज़ाम लगाया-“झारग्राम से कालियाकुंड जाने में 40 मिनट लगते हैं। चूँकि स्मृति ईरानी जी की बैठक में देरी हो गयी, उनका हेलीकॉप्टर कालियाकुंड से शाम के 4 बजे से पहले नहीं निकला। इसके बाद भी अगर वे सिउरी तक पहुँच जाती तो उनका हेलीकॉप्टर सूर्यास्त के बाद नहीं जा पाता। तृणमूल और प्रशासन ने बीरभूम की रैली को खराब करने के लिए हाथ मिलाया है।”

    इस दौरान, पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष और झारग्राम से टीएमसी विधायक सुकुमार हांसदा ने कहा-“कई लोग कई चीज़ो पर इलज़ाम लगा रहे हैं। मगर जनता देख सकती है जो भी मैदान पर हुआ।”

    सुबह 11.30 बजे, झारग्राम की जिला अधिकारी आयशा रानी ने मीडिया को बताया कि रैली के लिए अनुमति दे दी गई थी।

    झारग्राम में जनसभा बुधवार सुबह 11 बजे शुरू होनी थी। लेकिन बीजेपी के नेता करीब ढाई बजे पहुंचे। जब बैठख खत्म हुई, तब तक दोपहर के 3:30 बज चुके थे।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *