बिहार के भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाले के एक आरोपी की आज इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद मामले में नया विवाद खड़ा हो गया है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि मृतक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के एक अमीर नेता का पिता था। वहीं मृतक के परिजनों ने इलाज के दौरान हुई मौत पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके इलाज में कोताही बरती जा रही थी। अगर सही ढंग से इलाज होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। वह घोटाले के कई और आरोपियों का पर्दाफाश कर सकते थे। मृत आरोपी का नाम महेश मंडल है और वह जिला कल्याण विभाग में कर्मचारी थे। घोटाले के आरोपियों में नाम आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और पुलिस ने उन्हें 13 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
आरोपी महेश मंडल भागलपुर जिला कल्याण विभाग में कर्मचारी थे। पुलिस ने उन्हें 2 दिन की रिमांड पर लिया था और 15 अगस्त को कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था। महेश मंडल ने कोर्ट को अपनी ख़राब तबीयत को लेकर दलील दी जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया था। महेश मंडल ने कोर्ट में किडनी ख़राब होने की शिकायत की थी। उनको शुगर की भी समस्या थी। उन्होंने कोर्ट से इस सम्बन्ध में इलाज के लिए मोहलत मांगी थी जिसके कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें शुक्रवार और शनिवार को मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिनों तक इलाज कराने के बाद रविवार को महेश को वापस जेल भेज दिया जहाँ रविवार शाम को महेश की तबियत अचानक खराब हो गई। रविवार रात को ही इलाज के दौरान महेश की मौत हो गई थी।
महेश मंडल की मौत के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महेश मंडल जेडीयू के एक अमीर नेता के पिता थे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है “सृजन महाघोटाले में पहली मौत। 13 गिरफ़्तार, उनमें से एक की मौत। मरने वाला भागलपुर में नीतीश की पार्टी के एक बहुत अमीर नेता का पिता था।” मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि महेश मंडल के इलाज में कोताही बरती गई। वह घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण खुलासे कर सकता था।
बता दें कि बिहार के भागलपुर में सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड पर करीब 1000 करोड़ रूपये का घोटाला करने का आरोप लगा था। इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में प्रदेश के कई बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है। संस्था पर बैंक और ट्रेजरी के कर्मचारियों के साथ मिलकर करोड़ों रूपये के गबन करने का आरोप है। बैंक अधिकारी गुपचुप तरीके से सरकारी फंड संस्था के खाते में दल देते थे। इस पैसे को रियल एस्टेट बिज़नेस में लगाकर संस्था ने गैर कानूनी तरीके से करोड़ों रूपये कमाए थे। हाल ही में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जनादेश अपमान यात्रा के दौरान भागलपुर जिला प्रशासन ने जिले में सभा करने से रोक दिया था। इसे लेकर तेजस्वी यादव धरने पर बैठ गए थे। पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बिहार सरकार इस घटना की सीबीआई जाँच कराने की मांग कर रही है।