Fri. Apr 26th, 2024
    राष्ट्रपति आवास के बाहर सूडानी प्रदर्शनकारी

    सूडान की सेना ने शुक्रवार को वादा किया कि “सरकार के गठन के बाद वह सभी राजनितिक दलों से बातचीत करेंगी और सत्ता पर बने रहने का उनका कोई मकसद नहीं है।” एक दिन पूर्व ही राष्ट्रपति ओमर अल बशर को सत्ता से बेदखल किया गया था।

    अलजजीरा के मुताबिक, सूडानी प्रोफेशनल एसोसिएशन ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया था। यह समूह पूरे देश में महीनो से जारी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहा हैं और बशीर को सत्ता से हटाने के लिए भी इसी समूह ने आर्मी पर दबाव बनाया था। एसपीए की मांग है कि सत्ता को तुरंत एक ट्रांज़िशनल सिविलियन सरकार के सुपुर्द करनी चाहिए।

    ट्रांज़िशनल सैन्य परिषद् के के सदस्य ओमर जैन अल अबिदीन ने कहा कि “ऑफर सरकार का गठन हो जाता है तो संस्था एक माह के भीतर ही कुर्सी का त्याग करने के लिए तैयार है। उत्तर अफ्रीकी राष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट का समाधान भी प्रदर्शनकारियों की तरफ से आना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि “हम जनता की मांगो के संरक्षणकर्ता है, हम सत्ता के लोभी नहीं है। हम किसी भी प्रकार की निरंकुशता नहीं करेंगे। हम ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहते हैं जहां शांतिपूर्ण तरीक्से से बातचीत हो सके।”

    नेशनल कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति को इस वार्ता में में आमंत्रित नहीं किया जायेगा क्योंकि इस सभी के लिए वही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि “हम दखलंदाज़ी नहीं करेंगे, हमें सिर्फ सरकार की सूची दीजिये और हम उस पर सहमत होंगे और उसका स्वागत करेंगे।”

    परिषद् की घोषणा को एसपीए ने अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह बदलाव करने के लिए सक्षम नहीं है। एनडोलू एजेंसी के मुताबिक बशीर को घर पर नज़रबंद कर रखा गया है और उसके सुरक्षाकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है। बीते दिसंबर में ब्रेड के दाम बढ़ने से लोगो ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

    फरवरी ने बशीर ने सूडान में अनिश्चितकालीन आपातकाल की घोषणा की थी। इस हिंसक संघर्ष में 32 लोगो ने अपनी जान गंवाई है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *