Thu. Dec 19th, 2024
    हिजबुल्लाह की सेना

    लेबनान के चरमपंथी समूह के नेता हिजबुल्लाह ने कहा कि “सीरिया में हिजबुल्लाह के लडाको की संख्या में कमी की है।” अल मीनार को दिए इंटरव्यू में हसन नसरल्लाह ने कहा कि “सीरिया की सरकार विद्रोही समूहों के साथ सालो की लड़ाई के बाद सैनिको को रिकवर कर रहा है।”

    हिजबुल्लाह की सीरिया में मौजूदगी नहीं

    नसरल्लाह ने कहा कि “हम वहां मौजूद है और इसकी जरुरत है। सीरिया के नागरिकों ने महसूस किया कि उन्हें हमारी अब ज्यादा जरुरत नहीं है। इसलिए हमारी फ्रंटलाइन पर वास्तविक मौजूदगी नहीं है।” सीरिया में साल 2011 में गृह युद्द की शुरुआत हुई थी। हिजबुल्लाह ने असद सरकार के समर्थन में हजारो सैनिको को भेजा था।

    लेबनान के शिया चरमपंथी समूह ने समस्त देश में सीरियन विद्रोही सेना के खिलाफ महत्वपूर्ण फायदा मिला है। असद सरकार को ईरान का समर्थन है। हिजबुल्लाह के सैनिको की इस मुल्क में मौजूदगी है। पूर्वी प्रान्त दिएर अल जौर पर सीरिया की सरकार का नियंत्रण है।

    हिजबुल्लाह के लड़ाको का सीरिया की लेबनान के सीमा के साथ सटे इलाके पर अधिक नियंत्रण है। मिडिल ईस्ट सेंटर फॉर रिपोर्टिंग एंड एनालिसिस के कार्यकारी अधिकारी सेठ फ्तान्ज्मन ने कहा कि “सीरिया में हिजबुल्लाह की सेना की अधिक संख्या की जरुरत नहीं है क्योंकि देश राजनीतिक चरण में प्रवेश कर रहा है।”

    सीरिया में लड़ाको की संख्या सीमित

    उन्होंने कहा कि “नसरल्लाह को यकीन है कि सीरिया एक राजनीतिक चरण में प्रवेश कर रहा हैऔर सात वर्षों की प्रमुख भागीदारी के बाद लडाको को घर ले जाने का तुक बनता है।” सीरिया की सरकार ने अधिकतर इलाको को विद्रोही लडाको से छीन किया है और सीरिया सरकार की हिजबुल्लाह पर निर्भरता अब सीमित है।

    नस्रालाह ने कहा कि “उनके लडाके अभी भी सीरिया की सेना के साथ हविष्य की जंग में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। सीरिया से सेना की पूरी तरह वापसी भविष्य में हो सकती है। यह निर्णय अब सीरिया के नेतृत्व पर निर्भर करता है।” हसन नसरल्लाह ने हेज़बुल्लाह के अल-मनार टेलीविजन पर प्रसारित इंटरव्यू में बताया कि “ईरान क्रूरता और बल के साथ इजराइल पर बमबारी करने में सक्षम है।”

    कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, हिजबुल्लाह की सीरिया की पुनर्तैनाती को समूह का बढ़ता विश्वास और मजबूती को इंगित करता है। नसरल्लाह की टिप्पणी की प्रतिक्रिया में इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि “अगर हिजबुल्लाह कुछ बेवकूफी करता है और इजराइल पर हमला करता है, हम हमला करेंगे और लेबनान में सेना को कुचल देंगे।”

    साल 2006 में इजराइल-हिजबुल्लाह जंग में दोनों पक्षों ने हमला किया था। सीरिया की जंग में इजराइल ने हिजबुल्लाह के ठिकानो पर हमला किया था।

    इज़राइल ने पड़ोसी मुल्क सीरिया में ईरानी और हिजबुल्लाह के सैन्य ठिकानों पर सैकड़ों हमले किए हैं। नसरल्लाह का  इंटरव्यू इज़राइल के साथ अपने आंदोलन की 2006 की शुरुआत को स्मरण करने के लिए थे, जिसमें 1,200 से अधिक लेबनानी, ज्यादातर नागरिक और 160 से अधिक इज़राइल, अधिकतर सैनिको की मौत हुई थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *