महाराष्ट्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नए साल का तौफा सोच लिया है। उन्होंने 1 जनवरी से सातवाँ वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी दे दी है। गुरुवार वाले दिन हुई मीटिंग में, राज्य मंत्रिमंडल ने 7वा वेतन आयोग को लागू करने का फैसला दिया था।
सेवानिवृत्त नौकरशाह केपी बक्षी के नेतृत्व में बनी कमिटी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवाँ वेतन आयोग को लागू करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है। महाराष्ट्र सरकार ने कमिटी की रिपोर्ट को स्वीकृति दे दी है। इसके परिणाम स्वरुप, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 5,000 रूपये से 14,000 रूपये तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
सांतवे वेतन आयोग में औसत वेतन वृद्धि 23% रही है। 17 लाख से अधिक कर्मचारियों और 7 लाख पेंशनभोगियों को इसका लाभ मिलेगा। वेतन पुनरीक्षण से लगभग 21,530 करोड़ रूपये का वार्षिक बोझ महाराष्ट्र सरकार पर पड़ेगा।
पहले 30 नवम्बर वाले दिन, राज्य के वित्तीय मंत्री दीपक केसरकर ने घोषणा की थी कि सातवाँ वेतन आयोग जनवरी से लागू होगा। और अब इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गयी है।
सातवाँ वेतन आयोग अब 1 जनवरी, 2019 से लागू हो जाएगा। कर्मचारियों को पिछले तीन साल का बकाया, पांच किश्तों में मिलेगा। बकाया राशि को कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किया जाएगा।