आदतों का हमारे व्यक्तित्व से गहरा नाता होता है या यदि हम यह कहें कि आदतों के माध्यम से हम किसी के भी व्यक्तित्व की एक साफ़ झलक देख सकतें हैं तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। सफल जीवन के नियम हमारी रोजाना की आदतें ही हैं।
आदतों के माध्यम से न सिर्फ़ हमारे व्यक्तित्व का ही निर्धारण होता है बल्कि सफलता का पथ भी प्रदर्शित होता है। सफल जीवन का रहस्य सफल आदतें ही हैं।
1. द्रढ़ निश्चितता और अटलता का सिद्धान्त
यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहतें हैं तो सर्वप्रथम आपको अपने स्वाभाव में स्थिरता लानी होगी। किसी भी कार्य को करने के लिए एक द्रढ़ संकल्प लेना होगा। आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि कार्य कितना भी जटिल क्यों ना हो किंतु आप उससे पीछे नहीं हटेंगे।
आप अपने मार्ग पर अटल रहेंगे और हर समस्या का समाधान धैर्यपूर्वक करेंगे। यदि आप अपनी आदत में अटलता ले आतें हैं तो आपकी सफलता आपको निश्चित रूप से मिलेगी।
2. आत्म विश्वास और साहस
सफल व्यक्ति आत्म विश्वास और साहस से परिपूर्ण होते हैं। यदि आप सफलता चाहते हैं तो आपको अपने अंदर आत्म विश्वास लाना होगा।यह अत्यंत आवयक है कि आप अपने अंदर साहस का विकास करें किंतु आपको सदा याद रखना चाहिए कि आत्म विश्वास अति विश्वास में ना परिवर्तित हो।
यदि आप अपने अंदर आत्म विश्वास लाना चाहतें हैं तो सर्वप्रथम आपको अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना होगा और अपने विचारों को सकारात्मकता की ओर ले जाना होगा।
3. उच्च विचार
सफलता के लिए यह अति आवश्यक कि आप अपने विचारों को उच्च रखें अर्थात जो व्यवहार हम स्वयं के लिए नहीं चाहतें हैं वह व्यवहार हमें दूसरों के साथ भी नहीं करना चाहिए।
“आत्मन: प्रतिकूलन: परेष: ना समाचारेत” इस सिद्धान्त के अनुसार हमें अपना जीवन बिताना चाहिए ताकि हम दूसरों के प्रति नकारात्मक ना हों।
4. लक्ष्य का निर्धारण
सफलता पाने के लिए आवश्यक है कि आप अपने लक्ष्य का चुनाव करें और अपने जीवन की प्रत्येक कर्म को उस लक्ष्य के अनुरूप ही करें।यदि आप बिना लक्ष्य के कोई भी कार्य करते हैं तो आप का ध्यान एक स्थान पर केंद्रित नहीं रह पाता है और आप सफलता से वंचित रह जातें हैं।
5. उदारता
एक सफल व्यक्ति की यह पहचान होती है कि वह उदार होता है अर्थात वह सदा दूसरों का सम्मान करता है और उनके मूल्यों को आदर देता है। वह आत्म सम्मान से परिपूर्ण होता है और इसलिए वह दूसरों का भी भलीभाँति आदर करता है।
6. इच्छाशक्ति
जब आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो आप को अपनी इच्छाशक्ति को भी मज़बूत कर लेना चाहिए ताकि आप जीवन में अनेक संघर्ष रूपी तूफ़ानो का सामना साहसपूर्वक कर सकें। आज, जो लोग भी सफलता के ऊँचे पायदान पर विराजमान हैं, वह अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से ही उसे पा सके हैं।
7. धैर्य
किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए आपको सर्वप्रथम धैर्य धारण करना चाहिये। यदि आप छोटी-छोटी बातों को लेकर हताश हो जातें हैं तो यह आपको आपके लक्ष्य से भटका सकता है अतः सदा धैर्य का परिचय दें और किसी भी बात से परेशान होने के बजाय उसका एक निश्चित हल ढूँढने का प्रयास करें।
8. सकारात्मकता
जीवन में सकारात्मकता का होना अति आवश्यक है क्योंकि जो भी हम सोचते हैं, वह हमें हमारे सम्मुख दिखाई पड़ता है। यदि किसी भी कार्य के लिए हम यह सोचें कि “यह मुश्किल है” अथवा “मैं यह कार्य नहीं कर पाऊँगा\पाऊँगी” तो वह कार्य वास्तव में जटिल हो जाता है किंतु यदि हम किसी भी कार्य को करने की ठान लें अथवा यह सोचें कि “संसार का कोई भी कार्य कठिन नहीं है” तो हम अवश्य ही वह कार्य करने में सफल हो सकतें हैं।
9. अनुकूलन क्षमता
सफलता के लिए यह ज़रूरी है कि हम स्वयं के अंदर एक लचीलेपन का विकास करें। हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने आप को किसी भी कठिन परिस्थिति के अनुरूप ढालना सीखना चाहिए ताकि हम सच्चे अर्थों में सफल कहला सकें।
10. कारण को जानना
यदि आप सफल होना चाहतें हैं तो आपको किसी कार्य को करने से पूर्व यह अवश्य जान लेना चाहिए कि आप वह कार्य “क्यों” कर रहे हैं और आगे उसका आप पर अथवा आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बिना उचित कारण जाने बग़ैर कोई भी कार्य करना आपके लिए हानिकारक अथवा प्रतिकूल हो सकता है।
11. सफलता का मार्ग
हम सभी जानतें हैं कि सफलता का कोई भी छोटा रास्ता नहीं होता है। सफल व्यक्ति कभी भी छोटे मार्ग नहीं ढूँढता है अपितु वह अपने लक्ष्य के अनुसार ही मार्ग प्रशस्त करता है अतः हम सभी को अर्थहींन अथवा छोटे मार्गों को तलाशने में अपना बहुमूल्य समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
12. साफ़ और सरल बातें
यदि आप सफल होना चाहतें हैं तो आपको ना केवल अपने विचारों को ही साफ़ रखना चाहिए बल्कि उन्हें सीधे व सरल शब्दों में में व्यक्त करना भी आना चाहिए। किसी भी बात को घुमा फिरा कर कहने के बजाय उसे स्पष्ट शब्दों में कहना चाहिए।
13. जोखिम लेने का साहस
किसी भी अवसर का उचित लाभ लेने हेतु हमें क़दम अवश्य उठाना चाहिए। यदि वह कार्य मुश्किल है तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि बिना साहस के कोई भी कार्य करना असम्भव है।
14. आत्म-व्यवस्थित
आत्म-व्यवस्था का तात्पर्य यह है कि आपको अपनी भावनाओं को परिस्थितियों के अनुसार व्यक्त करना आना चाहिए। कौन से अवसर पर क्या बात करनी चाहिए अथवा किसी व्यक्ति से कैसा व्यवहार होना चाहिए, आपको यह भलीभाँति मालूम होना आवश्यक है अन्यथा सफलता के पथ पर आपके क़दम लड़खड़ा सकतें हैं।
15. रचनात्मक प्रवृत्ति
सफल लोग किसी भी वस्तु की आवश्यकता को जानते हुए उसे अपने अनुरूप इस प्रकार ढालने का प्रयास करतें हैं कि वह आगे चल कर उनके काम आ सके। अपने कठिन परिश्रम से वह अपनी सफलता के लिए आवश्यक हर एक वस्तु का निर्माण कर लेतें हैं।
16. अनुशासित कार्य प्रणाली
सफलता पाने के लिए अनुशासित कार्य प्रणाली का होना अति आवश्यक है। किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसे उचित रूप से करने का मार्ग प्रशस्त कर लेना चाहिए ताकि जीवन के किसी भी पक्ष पर आपके क़दम कमज़ोर ना पड़ें।
17. जीत का संकल्प
यदि आप सफल होना चाहतें हैं तो किसी भी लक्ष्य के निर्धारण के साथ साथ ही आपको उसके जीतने का संकल्प भी लेना चाहिए और अपने मस्तिष्क में सदा यह बात रखनी चाहिए कि आपकी जीत निश्चित रूप से होगी।
ऐसे विचारों को ध्यान में रख कर ही आप सफलता को प्राप्त कर सकतें हैं अन्यथा आप जीवन के संघर्षों में डगमगा जायेंगे।