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    सऊदी अरब में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी

    सऊदी अरब ने दो अमेरिकी-सऊदी दोहरी नागरिकता वाले नागरिकों सहित आठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करने वाले और कारावास में सज़ा काट रहे कार्यकर्ताओं को सल्तनत में निशाना बनाया जा रहा है।

    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने मुखर आलोचक पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर विरोधियों का सफाया करने का अभियान शुरू कर दिया था।

    आठ कार्यकर्ता गिरफ्तार

    बीबीसी के मुताबिक सभी कार्यकर्ताओं को गुरूवार को नज़रबंद किया गया था, वह पूर्ण रूप से कार्यकर्ता नहीं थे। उनमे से अधिकतर लेखक और वकील थे जो सामाजिक सुधार का समर्थन करते हैं और इनमे से अधिक का नाता महिलाओं के अधिकार वाले समूहों से था। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं में एक गर्भवर्ती महिला और सात व्यक्ति है।

    बदर अल इब्राहिम एक लेखक और फिजिशियन है। सालाह अल हैदर की माता एक दिग्गज महिलाओं के अधिकारों की कार्यकर्ता है जो हाल ही में जेल से रिहा हुई है। अल हैदर का परिवार अभी वर्जीनिया के वियना में हैं और वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ सऊदी अरब में रहते हैं।

    तीसरा सऊदी नागरिक वालिद अल फतेही साल 2017 के बाद से ही जेल में रहे हैं। जब क्राउन प्रिंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में 100 कारोबारियों, राजकुमारों और अधिकारीयों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। उनके परिवार ने कारावास में उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

    सभी कार्यकर्ताओं को गुरूवार को सऊदी की राजधानी में रियाद में स्थित उनके घर से उठा लिया गया था। हालाँकि एक व्यक्ति को पूर्वी शहर दम्मम से गिरफ्तार किया गया था। सभी कार्यकर्ता ट्विटर पर सक्रिय नहीं है और इसलिए विदेश मीडिया में नहीं दिखते हैं। इनका समूह का एक- दुसरे समूह से सम्बन्ध है इसमें विदेशों में रहे वाले कार्यकर्ता भी शामिल है।

    इनमे से एक गर्भवती महिला ख़दीजह अल हर्बी एक नारीवादी लेखिका है। उनके शौहर ठुमर अल मरज़ोकी भी एक लेखक हैं। इसके आलावा मोहम्मद अल सादिक़ और अब्दुल्लाह अल देहेलन भी लेखक है और फहाद अबलखाईल एक करयकर्ता है जो महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करते हैं।

    किंग सऊद यूनिवर्सिटी में लेक्चरर अनस अल मज़रूही बीते महीने से सलाखों के पीछे हैं। गिरफ्तारी के मामले से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि यह 13 लोगो का समूह था जिन पर फरवरी से यात्रा प्रतिबन्ध लगे हुए हैं। एक महिलाओ के अधिकारों के कार्यकर्ता लायजन अल हथलौल को मई से नज़रबंद रखा गया है। उनकी बहनो ने ट्वीटर पर कहा कि “हम पर अपनी गिरफ्तारी और शोषण पर चुप्पी साधने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।” यह सऊदी अरब के बाहर रहते हैं लेकिन उनके पिता को पूर्व में नज़रबंद करके रखा गया था क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी की कैद का खुलासा ट्वीटर पर कर दिया था।

    अल हथलौल और अज़ीज़ा अल योसेफ उन दर्ज़नो महिलाओं में से एक है जिन पर सक्रियता के आरोप में सुनवाई की जा रही है। बीते वर्ष महिलाओं के ड्राइव करने पर प्रतिबन्ध हटने से पूर्व उन्होंने इसके अधिकार के लिए अभियान छेड़ा था। साथ ही अभिवावक्ता कानून को खत्म करने की मांग की थी जिसके तहत महिलाओं को विदेश जाने और विवाह करने का अधिकार होना चाहिए।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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