शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कुछ चौंकाने वाले दावे किए है। आने वाले लोकसभा चुनावों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और त्रिशंकु लोकसभा होगी, नितिन गडकरी अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार होंगे।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में संजय राउत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि गठबंधन के बारे में उन्हें कोई अंदाजा नहीं है। “गठबंधन शब्द हमारे शब्दकोश में मौजूद नहीं है। हम भाजपा के साथ गठबंधन पर चर्चा नहीं कर रहे हैं,” राउत ने समझाया कि भाजपा खुद के बारे में सोच रही है और शिवसेना के सदस्य अपनी ही पार्टी के बारे में सोच रहे हैं।
आगे उन्होंने महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका समझाते हुए कहा-“अगर केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ महागठबंधन में उनके पास कांग्रेस नहीं है, तो वे सफल नहीं होंगे।”
शिवसेना ना केवल महाराष्ट्र में बल्कि अन्य राज्यों में भी भाजपा के खिलाफ बैलट की लड़ाई के लिए कमर कस रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में, शिवसेना उत्तर प्रदेश में 25 उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। उत्तर प्रदेश में शिवसेना सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। यह पार्टी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार का भी हिस्सा है।
शिवसेना ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के साथ कई बैठकें की हैं। जिस तरह शिवसेना राज्य और केंद्र में बीजेपी का विरोध कर रही है, उसी तरह राजभर भी पिछले कुछ समय से योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
राउत का दावा है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी को बड़ा समर्थन मिल रहा है। उनके मुताबिक, “उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार और जम्मू-कश्मीर में भी शिवसेना मित्रवत दलों की तलाश कर रही है।”