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    चीनी नौसेना

    चीन की नौसेना की बड़े स्तर की परेड की शुरुआत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि “चीनी आवाम शांतिप्रिय है और देशों को ताकत का इस्तेमाल दिखाकर एक-दूसरे को धमकाना नहीं चाहिए।” यह परेड चीनी नौसेना के 70 वर्षों के होने के सम्बन्ध में आयोजित हुई थी।

    पीपल्स लिब्रेशन आर्मी में चीनी राष्ट्रपति नवीनीकरण कर रहे हैं इसमें स्टील्थ फाइटर से लेकर एयरक्राफ्ट तक सब कुछ विकसित किया जा रहा है। चीन विवादित दक्षिणी चीनी सागर और ताइवान पर मौजूदगी को बढ़ाने के लिए सेना में परिवर्तन कर रही है।

    जिनपिंग की आधुनिकरण योजना में नौसेना एक महत्वपूर्ण है। जिसमे चीन अन्य देशों में प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा और अपने व्यापार मार्गो व अपने विदेशी नागरिकों का संरक्षण सुनिश्चित कर रहा है। पूर्वी चीनी शहर क़िंगदाओ में विदेशी नौसैन्य अफसरों की मुलाकात में शी जिनपिंग ने कहा कि “समुंद्री अनुशासन और शान्ति संरक्षण के लिए विश्व की सभी नौसेनाओं को एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है।”

    विदेशी पत्रकारों से शी जिनपिंग ने कहा कि “चीनी आवाम अमन पसंद है और हम अडिग होकर शांतिपूर्ण विकास के मार्ग का पालन करेंगे। सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, एक-दूसरे को बराबरी का हक देना चाहिए, व्यापक विश्वास को बढ़ाना चाहिए, समुंद्री वार्ता और आदान-प्रदान पर बातचीत को मज़बूत करना चाहिए और साथ ही नौसेनाओं के बीच व्यवहारिक सहयोग को गहरा करना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि “देशों के बीच अधिक चर्चा और विचार-विमर्श की जरुरत है और यहां बल का इस्तेमाल कर डराया-धमकाया नहीं जा सकता है। सभी देशों को समान वार्ता का पालन करना, संचार तंत्र में सुधार, क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करना और समुंद्री जलमार्ग से जुड़े विवादों का उपयुक्त तरीके से समाधान करना चाहिए।”

    इस परेड में 32 चीनी जहाज और 39 एयरक्राफ्ट शामिल है साथ ही भारत, जापान, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के सहित 13 देशों के युद्धपोत भी इसमें शामिल थे। चीन ने कहा कि “वह पहली बार नए परमाणु पनडुब्बियों और युद्धपोतों को प्रदर्शित करेंगे। हमारे समक्ष कुछ छिपाने को नहीं है , हमने परेड को देखने के लिए विदेशी मीडिया को आमंत्रित किया है।”

    चीनी का पिछली बार समुंद्री युद्ध दक्षिणी चीनी सागर में वियतनाम से साल 1974 और 1988 में हुआ था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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