Sat. Apr 27th, 2024
    जेट एयरवेज

    शिव सेना ने एनडीए सरकार से जेट एयरवेज का अस्थायी रूप से अधिग्रहण कर एयरलान कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचाने की मांग की।

    शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरु और इंदिरा गांधी की दूरदर्शिता से सिखना चाहिए। जो उन्होंने इंश्योरेंस और एयरलाइन कंपनियों के राष्ट्रीयकरण करने में दिखाई थी।

    25 साल पूराने एयरलाइन के अस्थायी रूप से बंद होने पर बोलते हुए, सेना ने अपने पार्टी से मुख्यपत्र सामना के संपादकिय में लिखा, बेरोजगारों का श्राप साध्वी के श्राप से भी ज्यादा शाक्तिशाली होगा।

    हाल ही में भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जो कि मालेगांव ब्लास्ट में दोषी हैं, उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हेमंत कारकरे जिनकी 26/11 मुंबई आतंकी हमले मृत्यु हो गई थी पर उनको प्रताड़ित करने का आरोप लगया था।

    पिछले हफ्ते अस्थायी रूप से बंद जेट एयरवेज के सभी परिचालन बंद हो गए। एयरलान ने अपने उधारकर्ताओं से 400 करोड़ की इमरजेंसी फंडिंग की मांग की थी जिस पर 8500 करोड़ रुपये बकाया हैं लेकिन वह और उधार देने के लिए तैयार नही हुए।

    सेना ने कहा, ऐसी ही घटना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी हुआ था तब उन्होंने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए इंश्योरेंस और एयरलाइन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसे ही दूरदर्शिता को जेट एयलवेज के मामले में दिखाने की जरूरत हैं।

    हमारी सरकार से मांग हैं कि वह जेट एयरवेज पर अधिग्रहण करे और उसके  कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचाए। पार्टी नेता उद्धव ठाकरे ने कहा जिन्होंने महाराष्ट्र के केंद्र में भाजपा के साथ गठजोड़ किया हैं।

    सेना ने कहा कि उसने सरकार से समक्ष एयरलाइन कर्मचारियों का मुद्दा रखा था।

    उन्होंने कहा, बेरोजगारों का श्राप साध्वी के श्राप से भी ज्यादा शाक्तिशाली होगा। सरकार को ऐसी स्थिति से बच सकती हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक जेट एयरलाइन के चेयरमैन को हटाना चाहते हैं और संस्थापक नरेश गोयल और 400 करोड़ रुपये की मांग स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से भी की गई थी।

    उन्होंने कहा,  हालाकि, गोयल के एयरलाइन से हटने के बावजूद,उसने कर्मचारियों को 500रुपये तक नही दिए ।

    शिवसेना ने हैरानी जताई कि कही एयरलाइन की बदहाली के कुछ पीछे भ्रष्ट ताकत का तो हाथ नही हैं।

    उन्होंने कहा भारतीय कारोबार को तोड़ने और विदेशी निवेशकों के लिए रेड कार्पेट बिछाना इस देश की नीति नही हो सकती। एयर इंडिया के सरकारी कंपनी बनने के बाद उसे 29000 करोड़ रुपये की वित्तीय मद्द मुहैया करने का उदाहरण देते हुए शिव सेना ने कहा कि जेट एयरवेज और किंगफिशर भी विदेशी कंपनियां नही हैं।

    उन्होंने बोम्बे हाई कोर्ट के जेट एयरवेज के संकट में दखल न देने के फैसले पर हैरानी जताई।

    गुरूवार को हाई कोर्ट ने कहा वह सरकार और रिजर्व बैंक को बीमार कंपनी की मद्द का आदेश नही दे सकते।

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