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    मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव

    पारिवारिक झगडे के बाद मुलायम सिंह यादव मंगलवार को अपने भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश के ऑफिस में बारी बारी से पहुँच कर सबको हक्का बक्का कर दिया।

    गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी पर वर्चस्व को लेकर लम्बे विवाद के बाद मुलायम के छोटे भाई और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम से नयी पार्टी का गठन कर लिया था। इसलिए मुलायम सिंह यादव को दोनों पार्टियों के दफ्तर में जाते देख सारे कार्यकर्त्ता कन्फ्यूज हो गए कि आखिर नेताजी किसके साथ हैं।

    मुलायम सिंह यादव पहले शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित दफ्तर पहुंचे जहाँ शिवपाल यादव ने उनसे अपनी पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की गुजारिश की।

    शिवपाल यादव ने कहा उनका सपना है कि एक दिन नेताजी प्रधानमंत्री बनें। शिवपाल ने उनसे अपनी नयी पार्टी पा अध्यक्ष बनने की भी गुजारिश की। शिवपाल ने अखिलेश यादव पर हमले करते हुए कहा कि वहां नेताजी का अपमान हुआ, मेरा अपमान हुआ इसलिए मैंने नयी पार्टी बनाई, जहाँ नेताजी का दिल से सम्मान होगा। पार्टी नेताजी का इंतज़ार कर रही है। नेताजी के नेतृत्व में हम भाजपा को धुल चटाएंगे।’

    शिवपाल के पार्टी ऑफिस में मुलायम सिंह के आने से ठीक एक महीने पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव भी आयीं थी और उन्होंने शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को अपना समर्थन दिया था।
    अपर्णा यादव ने शिवपाल यादव के साथ मंच साझा करते हुए कहा था कि ‘मैंने हमेश चाचा जी और नेता जी का आदर किया है और वो हमेशा चाचा जी की पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगी।’

    शिवपाल के पार्टी कार्यालय से निकल कर मुलायम सीधे समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे। उन्हें देख एक वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता ने कहा कि ‘हम आश्चर्यचकित हैं। समझ नहीं आ रहा कि नेताजी किसके साथ हैं और किस पार्टी के लिए काम करेंगे?’

    समाजवादी पार्टी के दफ्तर में पहुँच कर मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया और अखिलेश यादव को 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए गुरुमंत्र दिया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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