विषय-सूचि
प्रोटीन के कई प्रकार होते हैं। वे प्रोटीन, प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण भाग है। वे प्रोटीन शरीर में हड्डियों, ऊतकों, मांसपेशियों और अंगों के विकास को संचालित करता है अतः वे प्रोटीन का शरीर में संतुलित स्तर होना आवश्यक है।
क्या होता है जब वे प्रोटीन शरीर में अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाता है? यक़ीनन हमारे शरीर को नुक़सान होता है। आइए देखते हैं कि जब शरीर में वे प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा हो जाती है तो हमें किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है?
वे प्रोटीन के नुक़सान (whey protein side effects in hindi)
1. हृदय रोगों की संभावनाओं को बढ़ा देता है वे प्रोटीन
यदि हम वे प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा का उपभोग कर लेते हैं तो ऐसे में हृदय रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। दरअसल वे प्रोटीन शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ा देता है।
यह कोशिकाओं द्वारा कार्बोहाईड्रेट्स के अवशोषण की दर को भी बढ़ावा देता है। बढ़ा हुआ कार्बोहाइड्रेट, वसा के रूप में धमनियों और नसों में जमने लगता है। इस तरह आर्टरीज के ब्लॉक होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
2. पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है वे प्रोटीन
वे प्रोटीन पाचन प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि वे प्रोटीन में लैक्टोज पाया जाता है। जिन लोगों को लैक्टोज से एलर्जी है उन्हें वे प्रोटीन की अधिकता के कारण पाचन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि वे लोग जिनको लैक्टोज से एलर्जी नहीं है लेकिन उनके शरीर में वे प्रोटीन की काफ़ी मात्रा है उन्हें भी पाचन से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कोशिश करें कि आपके शरीर में वे प्रोटीन की संतुलित मात्रा ही हो।
3. शरीर में सूजन को बढ़ावा देता है
यदि शरीर में वे प्रोटीन की अधिक मात्रा हो जाती है तो ऐसे में सूजन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वे प्रोटीन के कारण गले व मुँह में सूजन आ जाती है। हालाँकि मुँह और गले में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता लेकिन फिर भी यह काफ़ी दिक़्क़त करता है।
4. वज़न बढ़ने लगता है
वे प्रोटीन वज़न को तेज़ी से बढ़ाने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे प्रोटीन हमारी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। यह शरीर में शुगर, वसा और कार्बोहाइड्रेट्स के संतुलन को बिगाड़ देता है जिससे कि शरीर में वसा डामिनेन्ट हो जाती है।
इसके अलावा वे प्रोटीन शरीर में सूजन पैदा करता है जिसके कारण व्यक्ति का वज़न काफ़ी ज़्यादा नज़र आता है।
5. थकान और कमज़ोरी का अनुभव होता है
यदि हमारी पाचन प्रक्रिया नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।
वे प्रोटीन पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है जिसके कारण व्यक्ति को ना सिर्फ़ गैस, एसिडिटी आदि की ही समस्या होती है बल्कि अक्सर थकान और कमज़ोरी का अनुभव भी होता रहता है।
वे प्रोटीन भोजन को सही प्रकार से पचने नहीं देता है जिस कारण पेट में भारीपन महसूस होता है और ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।
6. लीवर की परेशानियों को बढ़ाता है वे प्रोटीन
लीवर ऊर्जा को ग्लूकोज के रूप में संचित करके रखता है। वे प्रोटीन की अधिक मात्रा लीवर को भारी मात्रा में वसा या ग्लूकोज को संचित करने के लिए फ़ोर्स करती है। इस तरह लीवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है जिससे कि लीवर के डैमेज होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
वैसे भी लीवर ऊर्जा संचय का केंद्र है और चूंकि वे प्रोटीन वसा, कार्बोहाइड्रेट्स आदि के संतुलन को प्रभावित करता है तो ऐसे में लीवर को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अगर आपको पहले से लीवर संबंधी कोई समस्या है और आप उसकी दवाई कर रहे हैं तो आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके शरीर में वे प्रोटीन की मात्रा अधिक न हो।
वे प्रोटीन लीवर संबंधी समस्या के निवारण के लिए ली जाने वाली दवा के असर को बाधित करता है जिससे कि लीवर सही से रिकवर करने में असमर्थ हो जाता है।
7. गुर्दे की पथरी की समस्या को बढ़ाता है वे प्रोटीन
जिन लोगों के गुर्दे में पथरी है उनके लिए यह ज़रूरी है कि उनके शरीर में वे प्रोटीन की संतुलित मात्रा हो।
यदि उनके शरीर में वे प्रोटीन की प्रचुर मात्रा है और इसके बावजूद वे ऐसे आहार लेते हैं जिनमें कि काफ़ी मात्रा में वे प्रोटीन है तो ऐसे में गुर्दे की पथरी में काफ़ी दिक़्क़त होती है।
इसके अलावा वे प्रोटीन गुर्दे में पथरी के जन्म की संभावनाओं को भी बढ़ाता है अतः यह ज़रूरी है कि वे प्रोटीन शरीर में संतुलित मात्रा में ही रहे।
गुर्दे में पथरी के अलावा वे प्रोटीन गुर्दे से संबंधित और भी कई समस्याओं को जन्म देता है। वे प्रोटीन की अधिक मात्रा होने पर यूरिनल ट्रैक में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को पेशाब जाने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अगर आपको गुर्दे से संबंधित कोई भी समस्या है तो इसे बिलकुल भी नज़रअंदाज़ न करें और फ़ौरन डॉक्टर को दिखाएं।
8. ब्लड एसिडिटी की समस्या
वे प्रोटीन की ज़्यादा मात्रा रक्त में एसिडिटी बढ़ा देती है। वे प्रोटीन रक्त का PH वैल्यू असंतुलित कर देती है। यही कारण है कि वे प्रोटीन गुर्दे की समस्याओं को भी जन्म देती है।
इस तरह हमने देखा कि वे प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा हमें क्या नुक़सान पहुँचा सकती है। हमें एक निश्चित मात्रा में ही वे प्रोटीन का उपयोग करना चाहिए।
हालाँकि वे प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा हमें नुक़सान पहुँचाती है लेकिन आप इसका यह मतलब मत समझ लीजिएगा कि हमें वे प्रोटीन को बिलकुल भी नहीं लेना है! जी नहीं, यह भी नुक़सानदेह है।
हमारे शरीर में वे प्रोटीन की अत्यधिक नहीं बल्कि प्रचुर मात्रा अर्थात् संतुलित मात्रा होना अनिवार्य है।यदि आप इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि आपके शरीर में वे प्रोटीन की प्रचुर मात्रा है या नहीं है तो समय समय पर अपने लीवर, किडनी और लंग्स की जाँच कराते रहें।
यदि आपके शरीर में सूजन हो रही हो और यह लगातार बनी ही रहे तो भी आपको यह जाँच करा लेनी चाहिए कि वे प्रोटीन की मात्रा कितनी है।
जब शरीर में वे प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है तो शरीर अनेक प्रकार के इंडिकेशन्स देता है जैसे कि हमने ऊपर चर्चा की कि शरीर में सूजन हो जाती है और लंग्स, किडनी और लीवर से संबंधित समस्याएं भी हो जाती है।
इसके अलावा ब्लड की एसिडिटी बढ़ जाती है और हर समय थकान का अनुभव होता है। ये सभी इस बात के लिए काफ़ी है कि आप डॉक्टर से जाँच कराएँ कि आपके शरीर में वे प्रोटीन की मात्रा कितनी है?
इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।