विकीलीक्स ने गुरूवार को रिपोर्ट्स प्रकाशित किये जिनमें दावा किया है कि अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए भारत के आधार डेटा में सेंध कर चुकी है। अगर ये रिपोर्ट सही हुई तो भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी और भारत सरकार की नींदे उड़ाने वाली रिपोर्ट हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीआईए साइबर जासूसी के लिए ऐसे उपकरण का इस्तेमाल कर रही है जिससे आधार के डेटा में सेंध लगाई हो, हालाँकि भारत के आधिकारिक सूत्रों ने इसे ख़ारिज किया है।
क्रॉस मैच नामक कंपनी भारत में आधार की नियामक संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया को बायोमेट्रिक उपकरण उपलब्ध कराती है। इसी कंपनी ने सीआईए के लिए साइबर जासूसी के लिए उपकरण तैयार किया है। इन्हीं कारणों से विकीलीक्स ने लीक रिपोर्ट्स पर इतना दावा किया है।
विकीलीक्स ने शुक्रवार को ट्वीट करके एक आर्टिकल शेयर किया जिसमे क्रॉस मैच के भारत में कंपनी और ऑपरेशन के पार्टनर स्मार्ट आइडेंटिटी प्राइवेट लिमिटेड का ज़िक्र है, और अगले ट्वीट में आधार का डेटा जासूस के हाथ में होने की बात कही थी। उसके कुछ ही देर बाद ट्वीट किया, कि ‘क्या अमेरिकी एजेंसी सीआईए आधार का डेटा चुरा चुकी है’
Have CIA spies already stolen #India's national ID card database? #aadhaar #biometric https://t.co/zqJmkaoiw8 #modi
— WikiLeaks (@wikileaks) August 25, 2017
भारत के आधिकारिक सूत्रों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है, डेटा पूरा सुरक्षित है। डेटा को एन्क्रिप्ट करके रखा गया है जो किसी भी कंपनी या किसी व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता है।