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    राजनाथ सिंह

    इस साल संसद का मानसून सत्र शुरू से ही चर्चाओं से हंगामेदार रहा है। मायावती के इस्तीफे से शुरू होकर यह मॉब लिंचिंग, डोकलाम विवाद, राज्यसभा चुनावों में नोटा का इस्तेमाल और विदेश नीति के बाद अब राहुल गाँधी पर गुजरात दौरे पर हुए हमले पर आ गया है। पिछले कई दिनों से उठ रहे इस मसले पर आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया। आज सुबह सदन में उठे इस मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने राहुल गाँधी को पर्याप्त सुरक्षा दे रखी है लेकिन वह सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। श्री सिंह ने कहा कि राहुल गाँधी देश की अनमोल धरोहर है। सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्क है पर वह अब तक वही गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाते रहे हैं। गुजरात दौरे पर भी उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे लेकिन एसपीजी और राज्य पुलिस के कहने के बावजूद वह बुलेटप्रूफ गाड़ी में नहीं बैठे।

    गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गाँधी के पिछले दौरों का ब्यौरा देते हुए कहा कि गुजरात दौरे पर राहुल गाँधी बार-बार सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन कर रहे थे। वैसे यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी ने सुरक्षा मापदंडों को नजरअंदाज किया हो। अगर पिछले दो सालों में राहुल गाँधी के किये दौरों पर नजर डालें तो 121 दौरों में उन्होंने 100 बार सुरक्षा मापदंडों को ताक पर रखा है। पिछले 2 सालों के दौरान राहुल 6 बार विदेश गए। इस दौरान वह 72 दिनों तक बाहर रहे और उन्होंने कभी भी सरकार की ओर से मुहैया एसपीजी सुरक्षा नहीं ली। राहुल अपने विदेश यात्राओं के दौरान ऐसा क्या करते है जिसे वह पूरे देश से छिपा रहे हैं। यह सदन और देश जानना चाहता है। राजनाथ सिंह ने राहुल गाँधी पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गुजरात में बढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने नहीं बल्कि आपदा पर्यटन करने गए थे।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।