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    congress and bjp

    लोक सभा चुनाव से पहले, कांग्रेस और भाजपा के बीच उपचुनाव की लड़ाई चल रही है। जहाँ एक तरफ राजस्थान के रामगढ़ में कांग्रेस ने जीत हासिल की है वही दूसरी तरफ, हरियाणा के जींद में भाजपा आगे चल रही है। रामगढ़ की कांग्रेस की उम्मीदवार साफिया जुबैर बड़े अंतर से जीती है। भाजपा के कृष्ण मिड्ढा जींद में 9,000 मतों से आगे चल रहे हैं।

    उपचुनाव के 10 मुख्य बिंदु-

    1. कांग्रेस को अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के एक सदस्य के साथ राजस्थान में एक साधारण बहुमत प्राप्त है। 200 सदस्यीय विधानसभा में इसकी 100 की संख्या छोटे दलों पर निर्भरता को कम करती है।
    2. कम से कम 20 उम्मीदवारों ने रामगढ़ का चुनाव लड़ा था जो बाकी क्षेत्रों के बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह की मौत के कारण 7 दिसम्बर के विधानसभा चुनाव से पहले नहीं हो पाया था।
    3. भाजपा ने अपनी हार का सारा दोष बसपा उम्मीदवार जगत सिंह पर मढ़ा है, जो पूर्व कांग्रेस नेता नटवर सिंह के बेटे हैं, कि उन्होंने भाजपा के सारे मत काट दिए। जगत सिंह ने भाजपा को रामगढ़ सीट से लड़ने की इज़ाज़त नहीं मिलने पर छोड़ दिया था। भाजपा ने रामगढ़ में एक लगभग अज्ञात सुखवंत सिंह को मैदान में उतारा।
    4. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा-“मुझे खुशी है कि लोगों ने एक अच्छा कदम उठाया। उन्होंने एक सही फैसला लिया है। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ और आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होंने ऐसे समय में एक संदेश दिया है जब इसकी बहुत आवश्यकता थी। यह लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को प्रोत्साहित करेगा।”
    5. रामगढ़ में भाजपा के शासनकाल के दौरान, गाय के प्रति जागरुकता के अभियान और मुस्लिम व्यक्ति – रक्बर खान की भीड़ हत्या की घटनाओं के रूप में एक ध्रुवीकृत अभियान देखा गया।
    6. जींद में, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जो कैथल से विधायक भी है, उन्हें मात्र तीन मत मिले जबकि भाजपा सबसे आगे चल रही है।
    7. भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा, दो बार के विधायक हरि चैन मिड्ढा के पुत्र हैं, जिनकी मृत्यु के कारण उपचुनाव हुए हैं।
    8. उपचुनाव ना केवल भाजपा और कांग्रेस के लिए बल्कि आईएनएलडी और जेजेपी के लिए भी परीक्षा के समान थे।
    9. जेजेपी के दिग्विजय चौटाला, जिन्होंने आईएनएलडी से अलग होकर नयी पार्टी बना ली थी, वे दूसरे स्थान पर रहे।
    10. भाजपा के लिए जो हरियाणा में सत्तारूढ़ पार्टी है, उपचुनाव, लोक सभा चुनाव से पहले मनोहर लाल खट्टर के लिए अहम इम्तिहान था।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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