राज कपूर भारतीय फिल्मो के बहुत लोकप्रिय अभिनेता रह चुके हैं। उन्होंने अपनी पहचान हिंदी सिनेमा में एक अभिनेता के साथ साथ एक निर्देशक और एक निर्माता के रूप में भी बनाई है। राज कपूर को उनके फैंस द्वारा बहुत से नाम दिए गए थे जैसे की ‘राज साहेब’, ‘भारतीय फिल्मो के चार्ली चैपलिन’, ‘द शोमैन’ इत्यादि।
राज कपूर द्वारा अभिनय किए गए फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘जेल यात्रा’, ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘जागते रहो’, ‘शारदा’, ‘परवरिश’, ‘जिस देश में गंगा बहती हैं’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘धरम करम’, ‘प्रेम रोग’, ‘राम तेरी गंगा मैली’, कल आज और कल’, ‘संगम’ जैसी फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शाया है।
राज कपूर को हिंदी सिनेमा में साल 1935 से 1988 तक देखा गया था। उन्होंने कई सारी हिट फिल्मो में अभिनय किया था और उनके द्वारा हिंदी सिनेमा को दिए गए योगदान की वजह से उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित भी किया गया था।
राज कपूर का प्रारंभिक जीवन
राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। राज कपूर के पिता का नाम ‘पृथ्वीराज कपूर’ था और उनकी माँ का नाम ‘रामसरणी देवी कपूर’ था। राज कपूर ने हिंदी सिनेमा के ‘कपूर’ परिवार में जन्म लिया था। राज कपूर के 4 भाई थे जिनका नाम ‘शशि कपूर’, ‘शम्मी कपूर’, ‘नंदी कपूर’ और ‘देवी कपूर’ था। राज की एक बहन थी जिनका नाम ‘उर्मिला सियाल कपूर’ था।
राज कपूर ने अपने स्कूल की पढाई ‘सट. ज़ेवियर’स कोलगेट स्कूल’, कोलकाता और ‘कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल’, देहरादून’ में पढ़ी थी। राज कपूर कक्षा 6 में फेल हुए थे और उसके बाद उन्होंने अपनी पढाई छोड़ने का फैसला लिया था। राज को बचपन से ही अभिनय करने का बहुत शौक था और उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत बहुत कम उम्र में ही शुरू कर दी थी।
राज कपूर का दिहांत 2 जून 1988 को हुआ था और उस समय उनकी उम्र 63 साल की थी। राज कपूर कुछ समय से अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे थे और उनका दिहांत भी इसी कारण से हुआ था। राज की तबियत जब ज़्यादा ख़राब होने लगी थी जब उसे दिल्ली के ‘आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (एम्स) में भर्ती कराया गया था। यही राज ने अपनी आखरी साँसे ली थी।
राज कपूर अपने आखरी समय में फिल्म ‘हिना’ की शूटिंग से जुड़े थे। इस फिल्म को बाद में राज कपूर के बेटे ‘रणधीर कपूर’ और ‘ऋषि कपूर’ ने पूरा किया था, जिसके बाद फिल्म को 1991 में रिलीज़ किया गया था। राज कपूर हिंदी फिल्म जगत के एक यादगार अभिनेता माने जाते हैं।
व्यवसाय जीवन
राज कपूर के फिल्मो का शुरूआती दौर
राज कपूर ने अपने अभिनय की शुरुआत साल 1935 में एक बाल किरदार के रूप में की थी। उस फिल्म का नाम ‘इन्किलाब’ था।
साल 1943 से राज कपूर को एक युवा अभिनेता के रूप में फिल्मो में अभिनय करते हुए देखा जाने लगा था। उनकी उस साल की फिल्म का नाम ‘गौरी’ था जिसके निर्देशक ‘किदार नाथ शर्मा’ था। फिल्म में राज कपूर ने एक छोटा सा किरदार अभिनय किया था।
साल 1947 की बात करे तो उस साल राज ने ‘गजानन जागीरदार’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘जेल यात्रा’ में भी एक छोटे से किरदार को दर्शाया था। उसी साल राज को फिल्म ‘नील कमल’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘किदार नाथ शर्मा’ ही थे और यह फिल्म राज कपूर की पहली मुख्य किरदार को दर्शा रही फिल्म थी। फिल्म में राज ने ‘मधुसुदन’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
राज कपूर के फिल्मो का बाद का सफर
साल 1948 में राज ने एक अभिनेता के साथ साथ फिल्म ‘आग’ में एक निर्माता और एक निर्देशक की भूमिका भी निभाई थी। इस फिल्म में राज ने ‘केवल खन्ना’ नाम का किरदार दर्शाया था। राज कपूर की कम्पनी का नाम ‘आर के फिल्म्स’ था।
साल 1949 में राज ने फिल्म ‘अंदाज़’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मेहबूब खान’ थे और फिल्म में राज ने ‘राजन’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में राज के साथ दिलीप कुमार और नरगिस ने मुख्य किरदारों को दर्शाया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
उसी साल राज ने फिल्म ‘बरसात’ में ‘प्राण’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक वो खुद थे। इस फिल्म में राज ने नरगिस के साथ मुख्य किरदार को दर्शाया था। यह फिल्म सिनेमा में दर्शको द्वारा कुछ खास पसंद नहीं की गई थी।
सल 1950 में राज ने फिल्म ‘सरगम’ में एक सहायक किरदार दर्शाया था। साल 1951 में राज कपूर ने अपनी अभिनय को साबित करते हुए जनता के बीच अपनी लोकप्रियता को बढ़ावा दिया था। इस फिल्म का नाम ‘आवारा’ था और फिल्म में राज ने ‘राज रघुनाथ’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को भी राज ने ही निर्देश और निर्मित किया था।
साल 1953 में राज को फिल्म ‘आह’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राजा नवाथे’ थे और फिल्म में राज ने ‘राज रायबहादुर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में भी राज ने नरगिस के साथ ही अभिनय किया था।
साल 1954 की बात करे तो उस साल राज एक बार फिर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म का हिस्सा बने थे। उन्होंने उस साल फिल्म ‘बूट पोलिश’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रकाश अरोड़ा’ थे और फिल्म के निर्माता खुद राज कपूर थे। फिल्म में राज को एक छोटे से दृश्य में देखा गया था। यह फिल्म दर्शको को बहुत पसंद आई थी।
राज कपूर के फिल्मो का सफल सफर
साल 1955 में भी राज ने एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था। उस फिल्म का नाम ‘श्री 420’ था और फिल्म के निर्देशक वो खुद थे। इस फिल्म में राज ने ‘रनबीर राज’ और ‘राज कुमार ऑफ़ पीपली’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म को उस साल की सबसे लोकप्रिय फिल्म के रूप में देखा गया था। इस फिल्म में भी राज की जोड़ी अभिनेत्री नरगिस के साथ देखि जाती थी।
साल 1956 में भी राज ने फिल्म ‘जागते रहो’ में अपने शानदार अभिनय को दर्शको के बीच पेश किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘सोम्भु मित्रा’ और ‘अमित मैत्रा’ थे। फिल्म में राज कपूर के अभिनय की सभी ने बहुत प्रशंसा की थी। इस फिल्म को दर्शको ने भी बहुत पसंद किया था। उस समय तक राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री में अपना दबदबा बना चुके थे।
इसके बाद उसी साल उन्हें फिल्म ‘चोरी चोरी’ में भी देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अनंत ठाकुर’ थे और फिल्म में राज ने ‘सागर’ और ‘सुल्ताना डाकू’ नाम के किरदारों को दर्शाया। था फिल्म को दर्शको ने ठीक ठाक पसंद किया था।
साल 1957 में राज कपूर ने फिल्म ‘शारदा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘एल. वि. प्रसाद’ थे और फिल्म में राज ने ‘चिरंजीव’ और ‘शेखर’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। फिल्म में राज कपूर और मीना कुमारी ने मुख्य किरदारों को दर्शाया था।
साल 1958 में राज की दो फिल्मो को सफल फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था। उनमे से पहली फिल्म का नाम ‘फिर सुबह होगी’ था जिसके निर्देशक ‘रमेश सैगल’ थे। फिल्म में राज ने ‘राम बाबू’ नाम के किरदार को दर्शाया था और उनके साथ मुख्य किरदार को माला सिन्हा ने दर्शाया था। इस फिल्म के बाद उस साल की दूसरी हिट फिल्म का नाम ‘परवरिश’ था जिसके निर्देशक ‘एस. बनर्जी’ थे। इस फिल्म में राज ने ‘राजा जे. सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था। यह फिल्म भी दर्शको को बहुत पसंद आई थी।
साल 1960 में राज को सबसे पहले फिल्म ‘जिस देश में गंगा बहती है’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राधू कर्मकार’ थे और फिल्म में राज ने ‘राजू’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में राज कपूर, पद्मिनी और प्राण ने मुख्य किरदार को दर्शाया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उसी साल राज ने फिल्म ‘छलिआ’ में अभिनय किया था। यह फिल्म भी दर्शको को ठीक ठाक पसंद आई थी।
साल 1964 में राज ने फिल्म ‘संगम’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में राज ने अभिनय के साथ साथ निर्देश, निर्मित और एडिट भी किया था। इस फिल्म में राज के किरदार का नाम ‘सुन्दर खन्ना’ था और फिल्म में मुख्य किरदारों को विजयंतिमाला, राजेंद्र कुमार और राज कपूर ने दर्शाया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस में बेहतरीन कमाई की थी।
साल 1970 में राज कपूर को एक जोकर के किरदार को दर्शाते हुए देखा गया था। इस फिल्म का नाम ‘मेरा नाम जोकर’ था और फिल्म के निर्देशक, निर्माता और एडिटर राज कपूर खुद थे। फिल्म में उन्होंने ‘राजू’ उर्फ़ जोकर नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस में अपना नाम ब्लॉकबस्टर फिल्मो की सुची में दर्ज किया था। फिल्म ने कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम भी किया है।
साल 1973 में राज कपूर ने फिल्म ‘बॉबी’ में काम किया था। इस फिल्म में राज ने अभिनेता नहीं बल्कि एक निर्देशक और निर्माता के रूप में काम किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में सफल फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
साल 1975 में राज कपूर ने अपने बेटे द्वारा निर्देश की गई फिल्म में अभिनय किया था। इस फिल्म का नाम ‘धरम करम’ था और राज के किरदार का नाम फिल्म में ‘अशोक कुमार’ था। इस फिल्म में राज के साथ मुख्य किरदारों को रेखा, दारा सिंह और प्रेमनाथ ने दर्शाया था।
साल 1978 की बात करे तो उस साल राज कपूर ने एक फिल्म में अभिनय किया था और दूसरे फिल्म में निर्देशक और निर्माता की भूमिका निभाई थी। उस साल पहले राज ने फिल्म ‘सत्यम शिवम् सुंदरम’ में एक निर्देशक, निर्माता, एडिटर और कथावाचक की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
उसके बाद उसी साल राज ने फिल्म ‘नौकरी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में राज कपूर ने ‘स्वराज सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
राज कपूर का फिल्मो में निर्देशक और निर्माता के रूप में सफल सफर
साल 1982 में राज ने फिल्म ‘प्रेम रोग’ में काम किया था। इस फिल्म में उन्होंने निर्देशक, निर्माता और एडिटर का काम किया था। फिल्म में मुख्य किरदारों को शम्मी कपूर, ऋषि कपूर, पद्मिनी, तनूजा, रजा मुराद और ओम प्रकाश ने अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और साथ ही राज ने बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड अपने नाम किया था।
साल 1985 में राज कपूर ने एक और ब्लॉकबस्टर फिल्म में अपनी भूमिका दर्शाई थी। इस फिल्म में राज ने ना केवल निर्देशक, निर्माता और एडिटर का काम किया था बल्कि उन्होंने इस फिल्म में एक लेखक की भूमिका भी निभाई थी। इस फिल्म का नाम ‘राम तेरी गंगा मैली’ था जिसमे मुख्य किरदारों को मन्दाकिनी और राजीव कपूर ने दर्शाया था। फिल्म ने कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम किया था और साथ ही राज ने भी बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट एडिटर का अवार्ड अपने नाम किया था।
राज कपूर हिंदी फिल्म जगत के ना केवल एक बेहतरीन अभिनेता ही थे बल्कि उन्होंने अपना नाम एक निर्देशक, निर्माता, एडिटर और एक लेखक के रूप में भी सर्वश्रेष्ठ दर्जे पर रखा था।
पुरस्कार और उपलब्धियां
राज कपूर ने अपने अभिनय की वजह से कुल 26 अवार्ड्स को अपने नाम किया था जिनमे से कुछ की जानकारी नीचे मौजूद है।
- हिंदी फिल्म जगत में दिए गए योगदान की वजह से ‘नेशनल अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।
- साल 1955 में फिल्म ‘श्री 420’ के लिए ‘बेस्ट फीचर फिल्म’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1964 में फिल्म ‘संगम’ के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर’ और ‘बेस्ट एडिटर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1971 में ‘पद्म भूषण’ अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- फिल्मफेयर अवार्ड शो की तरफ से ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।
- साल 1987 में ‘दादासाहेब फाल्के अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।
राज कपूर का निजी जीवन
राज कपूर ने साल 1946 में अपने परिवार की मर्ज़ी साथ उनकी पसंद की गई लड़की के साथ शादी की थी। राज कपूर की पत्नी का नाम ‘कृष्णा मल्होत्रा’ था। कृष्णा और राज के 3 बेटे और 2 बेटियां हैं। उनके बेटो का नाम ‘रणधीर कपूर’, ‘ऋषि कपूर’ और ‘राजीव कपूर’ है और बेटियों का नाम ‘ऋतू नंदा’ और ‘रीमा जैन’ है।
राज कपूर एक शादी शुदा व्यक्ति होने के बाद भी हिंदी फिल्म की अभिनेत्री के साथ अक्सर चर्चा में रहते थे। राज कपूर और अभिनेत्री नरगिस के बीच बहुत गहरा प्यार था। उन दोनों ने कई फिल्मो में एक दूसरे के साथ काम किया था। हांलाकि राज ने नरगिस के साथ के रिश्ते को ना तो कभी किसी के सामने स्वीकार किया था और नाही कभी झुठलाया था। राज कपूर अपनी पत्नी और बच्चो को छोड़ नहीं सकते थे इसलिए आखिर में नरगिस ने ही इस रिश्ते को ख़त्म किया था और अभिनेता ‘सुनील दत्त’ के साथ शादी की थी।
नरगिस से अलग होने के बाद भी राज का नाम और अभिनेत्रियों के साथ जुड़ता रहा था। राज का नाम 1960 की दशक में अभिनेत्री वैजयंतीमाला के साथ भी जुड़ा था। इन दोनों के रिश्ते का खुलासा खुद राज कपूर ने किया था जबकि वैजयंतीमाला ने इन खबरों को हमेश झूठ की कहा था। राज कपूर ने अभिनेत्री ‘पद्मिनी’ को भी डेट किया था जिसका खुलासा राज के बेटे ऋषि कपूर ने साल 2017 में किया था।
राज कपूर दोस्तों के बहुत करीब रहते थे। उनके हिंदी सिनेमा में सबसे करीब दोस्त प्राण, मुकेश, देव आनंद, दिलीप कुमार, राजेंद्र कुमार, मन्ना डे, शंकर – जयकिशन, हृषिकेश मुख़र्जी, ख्वाजा हमद अब्बास और राजेश खन्ना थे।
राज कपूर के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो उन्हें खाने में बिरयानी, चिकन करी, पाओ, अंडे, मुरी और मूंगफली, छोटे समोसे और कैरेमल कस्टर्ड खाना बहुत पसंद था। राज कपूर के पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार थे और अभिनेत्रियों में उन्हें नरगिस पसंद थी। राज की पसंदीद फिल्म का नाम ‘मेरा नाम जोकर’ था।
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[ratemypost]
Nice post
My favorite actor Raj Kapoor