उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी तय होने के बाद वेंकैया नायडू ने अपने मंत्री पद के कार्यभार से इस्तीफ़ा दे दिया है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज बदलाव देखने को मिले। जिस बदलाव ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा वह कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को मिला सूचना और प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। इसे प्रधानमंत्री का “छोटी बहन” को रक्षाबंधन का एडवांस तोहफा कहा जा रहा है। एकबार फिर बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर कहा जा रहा है कि बतौर कपड़ा मंत्री अपने कार्य से स्मृति ईरानी ने पुनः आलाकमान का विश्वास जीत लिया है।
मोदी सरकार की सबसे युवा मंत्री थी ईरानी
2014 के लोकसभा चुनावों के बाद गठित भाजपा की मोदी सरकार में स्मृति ईरानी सबसे युवा मंत्री थी। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताते हुए उन्हें बिना किसी पूर्व अनुभव के मानव संसाधन विकास मंत्रालय सौंपा था और उन्होंने दो वर्षों तक यह कार्यभार संभाला। बतौर मानव संसाधन विकास मंत्री उनका कार्यकाल विवादों में ही रहा। उनके कार्यकाल में उनकी योग्यता को लेकर सवाल उठे और उनकी काफी आलोचना भी हुई। हैदराबाद के रोहित वेमुल्ला का मामला भी बहुत चर्चित रहा। उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारियों से मुक्त करके कपड़ा मंत्रालय सौंपा गया। ख़बरों की मानें तो सरकार उनके काम से खुश नहीं थी। अब वापस बड़ी जिम्मेदारी का मिलना उनके आलाकमान के विश्वास को पुनः जीतने का संकेत है।
सुधरी है छवि
बतौर कपड़ा मंत्री अपने कार्यकाल में अब तक स्मृति ईरानी विवादों से दूर रही हैं। उन्होंने अपना ध्यान सिर्फ अपने काम पर लगाया है और विवादित बयानबाजी से दूर रही हैं। उन्होंने अमेठी से अपना नाता भी जोड़ कर रखा हैं और समय-समय पर अमेठी जाती रहती हैं। उन्होंने अमेठी को कई योजनाओं की सौगात भी दी है और कांग्रेस खासकर राहुल पर आक्रामक रुख बरकरार रखा है। गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ने 2014 लोकसभा चुनावों में अमेठी से राहुल गाँधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें कड़ी टक्कर दी थी।
चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने अमेठी में स्मृति ईरानी को अपनी “छोटी बहन” कहकर सम्बोधित किया था। देश की राजनीति में वह भाजपा का अग्रणी महिला चेहरा रही हैं और जनता में लोकप्रिय भी हैं।