अफगानिस्तान की जंग में साल 2019 के पहले छह महीनो में करीब 3812 नागरिकों की मौत और घायल हुए थे। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सरकार और नाटो के सैनिको के हमले में हताहत की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। अफगानिस्तान में यूएन सहयोगी मिशन के मुताबिक, आंकड़ा हैरतंगेज और अस्वीकार है।
अफगानिस्तान में 18 वर्षों से जारी जंग का अंत करने के लिए अफगानी प्रतिनिधियों ने दोहा में आयोजित सम्मेलन में शामिल हुए थे ताकि अफगानी सरजमीं पर हताहत शून्य हो सके। यूएनएएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, 1366 नागरिकों की मौत हुई थी और अन्य 2446 लोग 30 जून तक छह माह में जख्मी हुए हैं।
छह माह में तालिबान और अन्य हथियारबंद समूहों के कारण नागरिक हताहत काफी हुई थी लेकिन अफगान और नाटो सेना नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार है। सरकार समर्थित सेना के हमलो से 717 नागरिकों की मौत और 680 नागरिक जख्मी हुए थे। साल 2018 के मुकाबले इस वर्ष 31 फीसदी की वृद्धि हुई है।
तालिबान और इराक के इस्लामिक स्टेट और सहयोगी आईएसआईएस लडाको ने 531 अफगान नागरिकों की हत्या की है और 1437 नागरिक जख्मी हुए हैं।
यूएनएएमए ने कहा कि उन्होंने हथियारबंद समूहों के हमले से 985 नागरिकों की हताहत के दस्तावेज बनाये थे जिन्होंने जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया, इसमें सरकारी अधिकारी, आदिवासी नेता, आदिवासी प्रमुख, सहायता कर्मी और धार्मिक बुद्धिजीवी शामिल है।
Latest UN update: Anti-Govt elements (Taliban, ISKP & other) responsible for 52% civilian casualties in first half 2019. Pro-Govt forces (Afghan security, international military & others) responsible for 37%. #ZeroCivilianCasualtiesNow #Afghanistan Read: https://t.co/OWoVckeDbT pic.twitter.com/pqiXmmJhiS
— UNAMA News (@UNAMAnews) July 30, 2019