2018 में #MeToo आंदोलन भड़का और इसका प्रभाव पूरे भारत में फैल गया। विभिन्न क्षेत्रों के कई शक्तिशाली पुरुषों का नाम अनुचित यौन दुराचार और उत्पीड़न के लिए लिया गया।
महिलाओं ने अपनी डरावनी कहानियों को सोशल मीडिया पर साझा किया। इस दौरान नाना पाटेकर, साजिद खान, रजत कपूर और सुभाष घई जैसी लोकप्रिय हस्तियों पर यौन दुराचार का आरोप लगाया गया था।
इससे पहले अगस्त में, अफवाहें शुरू हुई थीं कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी किज़ी और मैनी की सह-कलाकार संजना सांघी को परेशान कर रहे थे। #MeToo आंदोलन के दौरान अक्टूबर में यह मुद्दा फिर से उभरा।
सुशांत पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए, सुशांत ने संजना के साथ बातचीत के स्क्रीनशॉट साझा किए। अपने ट्विटर अकाउंट को अस्थायी रूप से निष्क्रिय करने से पहले, उन्होंने लिखा था कि, “एजेंडे द्वारा बनाई गई कल्पना से खुद का बचाव करना आवश्यक है।
लोग अपने व्यक्तिगत एजेंडे के लिए इस आवश्यक अभियान का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए मैं संजना के साथ अपनी बातचित का एक स्क्रीनशॉट शेयर कर रहा हूँ ताकि आपलोग इसका फैसला खुद ही कर सकें।
उन्होंने संजना के साथ अपनी बातचीत के स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम पर भी साझा किए सुशांत ने लिखा कि, “मुझे व्यक्तिगत जानकारी प्रकट करने में दुःख होता है, लेकिन ऐसा लगता है कि वास्तव में क्या हुआ, यह बताने का कोई और तरीका नहीं है। यह सेट पर शुरू से लेकर अंत तक संजना के साथ हुई बातचीत के अंश हैं। आप तय करें।”
संजना ने बाद में पुष्टि की कि आरोप लगाने वाली रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं थी।
एक पोर्टल से इस बारे में बात करते हुए, सुशांत ने कहा, “यह विरोधाभासी था क्योंकि यह [#MeToo आंदोलन] एक ऐसी चीज थी जिसके लिए मैं खड़ा था। मुझे जानबूझ कर टारगेट किया गया। कुछ लोग पैसे लेकर अफवाहें फैला रहे थे।
मुझे बुरा और गलत समझा गया। जितना अधिक इसके बारे में लिखा जाता था उतना ही यह मेरी प्रतिष्ठा को नुक्सान पहुंचाता है, जिसे मैंने बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
यह आंदोलन एक अच्छी बात है। यह सभी बदलते मानसिकता के बारे में है।”
फिल्म के निर्देशक मुकेश छाबड़ा, जो खुद भी आरोपी थे, ने कहा कि सुशांत और संजना के बीच ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
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