Sat. Nov 9th, 2024
    मिजोरम के पूर्व राष्ट्रपति

    एक समय का कुख्यात अलगाववादी और अब उत्तर पूर्व के उभरते राजनेता जोरामथंगा में अपनी आत्मकथा पूरी लिख दी है। उनके दावे के मुतबिक यह किताब बेहद विवादित है और इस पर पाकिस्तान और चीन की सरकारे आपत्ति जता सकती है। दो वॉल्यूम की इस किताब का नाम ‘मिलारी इन मिज़ो’ है और अभी इस पुस्तक का अनुवाद अंग्रेजी में किया जा रहा है।

    मिज़ोरण के दो बार के मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि राज्य में अगली सरकार उनकी ही होगी। उन्होंने कहा था कि वह 11 दिसम्बर यानी चुनावों परिणाम से पूर्व मिजों में अनुवादित किताब का विमोचन कर देंगे। उन्होंने कहा कि इस किताब में मेरे 20 वर्ष के अनुभवों के बारे में हैं। साथ ही इसमें कई ढाका लेफ्टिनेंट जनरल ए. ए. के. के एक लाख सैनिकों को गिरफ्तार करने में विफल भारतीय सैनिकों के बाबत भी बताया गया था।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएनएफ के सैनिक ईस्ट पाकिस्तान के कमांडोस के साथ मिक्स हो गए थे और लेफ्टिनेंट जनरल जे एस अरोरा को पकड़ लिया था लेकिन वह बाद वह जंगलों की तरफ भाग गया था। उन्होंने कहा कि इस आत्मकथा में कैसे हम्जमेस बोंड की तरह भागे, रंगून के रस्ते गए, जंगलों में रहे और कैसे हम भुट्टो से मिले और भारत सरकार के साथ बातचीत का सिलसला शुरू हुआ था।

    उन्होंने कहा कि हमें चीनी सरकार ने चरमपंथ फैलाने के लिए हथियार मुहैया किये थे। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड में हैं लेकिन कई प्रकाशकों ने भय के कारण इसे प्रकाशित नहीं किया था। उन्होंने कहा कि यह मैंने इस भाषा को मिज़ो भाषा में लिखा है और अब इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया जा रहा है।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मिजों के प्रोफेसर इस किताब का अनुवाद कर रहे हैं और और मुझे यकीन हैं कि मैं एक अच्छा प्रकाशक ढूंढ लूँगा। जोरामथंगा की इस किताब पर उनकी बेटी ने एक कविता लिखी है, मिजोरम का मी, ला से लालपा यानी भगवान और आर सुविधाओं के लिए हैं।

    उन्होंने कहा कि जब मिजोरम में साल 1966 में आन्दोलन की शुरुआत हुई थी तब पूर्व मुख्यमंत्री ने अंडरग्राउंड होकर इस आन्दोलन का समर्थन किया था। साल 1986 में इस आन्दोलन के अंत पर आन्दोलनकारियों ने भारत सरकार के साथ शांति समझौता किया था।

    साल 1998 के विधानसभा चुनावों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव जीता था और मिज़ोरंम के मुख्यमंत्री बने थे। साल 2003 में उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद की कम्मन मिली थी। इस समय एमएनएफ मिजोरम की 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उनकी पार्टी को उम्मीद है कि वह 40 से अधिक सीट हासिल करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *