मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही उनके कैबिनेट में रही मंत्री पर भी इसमे सहयोग के आरोप लगे हैं। यह सिफारिश पुलिस ने की है। पुलिस ने कहा कि जांच में अब्यूल गयूम और उनके मंत्री अज़ीमा शकूर के खिलाफ सबूत मिले हैं।
मालदीव की मीडिया के मुताबिक यह मामला उनके राष्ट्रपति पद पर होने के दौरान मालदीव के द्वीपो को पर्यटन विकास के लिए लीज पर देने से संबंधित है। इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम शामिल थे और इस समझौते के तहत उनके बैंक एकाउंट में 10 लाख डॉलर डाले गए थे।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम ने भारत की सराहना करते हुए कहा कि सत्तासीन सरकार पर दबाव बनाकर मालदीव में लोकतंत्र की रक्षा भारत ने की है। अब्दुल गयूम ने कहा कि मालदीव की नवनिर्वाचित सरकार का रुख भारत के प्रति नरम है।
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम तीन दशक 2008 तक सत्ता पर काबिज थे और एक माह पूर्व ही उन्हें कैद से रिहा कर दिया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में लोकतंत्र को बहुत नुकसान हुआ है। हालांकि लोकतान्त्रिक ताकतों ने दुश्मनों को धुल चटा दी थी।
मालदीव में 23 सितम्बर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में विपक्षी दल के साझा उम्मीदवार इब्राहीम सोलिह को जीत मिली थी। मालदीव में राजनीतिक संकट का दौर फ़रवरी में शुरू हुआ था। राष्ट्रपति यामीन ने अब्दुल सहित अन्य विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था।
हाल ही में अब्दुल्ला यामीन ने चुनावों के नतीजों को चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाए कि चुनावी प्रक्रिया में हेराफेरी हुई थी लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।