राहुल गाँधी को कुछ दिनों से उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा निर्मला सीतारमण पर की गयी ‘महिला’ टिपण्णी के लिए कड़ी निंदा का सामना करना पड़ रहा है। दुबई में हो रही प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने उसी विवादित बयां को दोहराते हुए कहा कि अगर रक्षा मंत्री एक पुरुष होते तो भी वे वही कहते।
उनके मुताबिक, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अम्बानी को 30,000 करोड़ रूपये चुराने में मदद की थी और लोक सभा ऐसी जगह है जहाँ उन्हें अपना बचाव करना चाहिए था मगर उन्होंने अपनी जगह किसी दूसरे इन्सान को भेज दिया और वे इन्सान संजोग से एक महिला निकल गयीं। अगर वो इन्सान एक पुरुष होता तो भी मैं वही टिपण्णी करता। अपने लिंगवाद को मुझ पर मत थोपो। मैं बहुत स्पष्ट हूँ कि प्रधानमंत्री को अपना बचाव करना चाहिए था लेकिन उनके पास हिम्मत नहीं थी।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को अभी भी राफेल मुद्दे से जुड़े सवालों का जवाब नहीं मिला है। सीतारमण ने पीएम मोदी की तरफ से जवाब दिया।
राहुल ने कहा-“जब हमने लोक सभा में राफेल के ऊपर सवाल खड़े किये तब हमने पीएम को जवाब देने के लिए कहा था। पीएम एक मिनट के लिए भी लोक सभा नहीं आये। निर्मला सीतारमण ने ढाई घंटे तक बात की, लेकिन हमारे सवालों का जवाब नहीं दे सकीं। हमने उनके तर्कों को ध्वस्त कर दिया। लेकिन पीएम एक मिनट के लिए भी लोकसभा में अपना चेहरा नहीं दिखा सके। उन्होंने एक महिला से अपना बचाव करने के लिए कहा, और आपने ढाई घंटे तक देखा कि वे उनका बचाव नहीं कर सकी।”
कुछ ही घंटों बाद, रक्षा मंत्री की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस रक्षा मंत्री का मजाक सिर्फ इसलिए उड़ा रही है क्योंकि संसद में राफेल सौदे में सीतारमण के सच को उजागर करने से वे स्तब्ध रह गए थे।
मोदी ने कहा-“उन्होंने एक महिला रक्षा मंत्री का अपमान किया। उन्होंने सिर्फ एक महिला रक्षा मंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि देश की सभी महिलाओं का किया। और इसके लिए इन गैर-जिम्मेदार नेताओं को भुगतान करना होगा।”
इस ‘महिला’ टिपण्णी के लिए, राहुल गाँधी को राष्ट्रिय महिला आयोग की तरफ से एक नोटिस भी जारी किया गया था जिसमे उन्हें महिलाओं से द्वेष रखने वाला पुरुष बुलाया गया था।