मलेशिया ने असल कीमत से 30 प्रतिशत कम करने के बाद चीन के रेलवे निर्माण प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू कर दिया है। दोबारा हुए समझौते के तहत अब 648 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना की कीमत 10.6 अरब डॉलर होगी। चीन ने बीआरआई के तहत इस परियोजना की लागत की कामत को कम कर दिया है क्योंकि बीआरआई की आगामी बैठक में वह एक मज़बूत वैश्विक कार्यक्रम को प्रदर्शित करने के लिए बेकरार है।
इस समारोह का आयोजन 25 और 27 अप्रैल को आयोजित होगा। भारत ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है। बीते वर्ष जून में सत्ता में वापसी के बाद रेलवे प्रोजेक्ट को हटाकर मलेशिया के राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद ने चीन को झटका दे दिया था। महातिर मोहममद ने कहा कि “पिछली सरकार द्वारा पारित यह प्रोजेक्ट अनुचित है और यह देश पर अत्यधिक वित्तीय बोझ डाल देगा।
यह निर्णय कई देशो द्वारा बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के प्रभाव के बाद आया था जैसे पाकिस्तान ने भी कीमतों को कम करने की मांग की थी। हालाँकि यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस स्थिति से कैसे निपटता है।
प्रधानमंत्री के दफ्तर से जारी बयान के मुताबिक, निश्चित ही यह कटौती मलेशिया को फायदा पंहुचायेगी और देश पर वित्तीय बोझ के भार को कम करेगी। इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने के पीछे चीन का मकसद ग्राहकों को संतुष्ट कर वैश्विक प्रभुत्व में इजाफा करना है।
कंसल्टेंसी त्रिवियम चीन के साझेदार एंड्रू पोल्क ने कहा कि “मेरे ख्याल से संसोधन किये जायेंगे। चीनी नियामकों को अहसास हो गया है कि इस परियोजना की सफलता के लिए उन्हें व्यवहारिक होने की जरुरत है। विशेषकर जहां राजनीतिक व सामाजिक स्तरों पर स्थानीय दबदबा अधिक है।”
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द की तारीख में प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर देंगे। बेहतर हालातो को संभालेंगे और संयुक्त हित के क्षेत्रों का विस्तार करेंगे।” नए समझौते में रेल मार्ग में 40 किलोमीटर कम कर दिया गया है, जो असल से छह फीसदी कम है।