तमिलनाडु की राजनीति में आयी सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद अलग हुए एआईएडीएमके के दोनों धड़े भाजपा के बहुत प्रयासों के बाद एक हुए लेकिन इस विलय के तुरंत बाद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला के भतीजे दिनाकरन के गुट के 19 विधायकों ने मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी से अपना समर्थन वापस लेने के सम्बन्ध में तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव को पत्र लिखा। इसके बाद से ही तमिलनाडु में सरकार को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। इसी क्रम में गुरूवार को मदुरै एयरपोर्ट पर टीटीवी दिनाकरन और ओ पन्नीरसेल्वम गुट के समर्थकों में झड़प हो गई जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है।
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम गुरूवार शाम को मदुरै एयरपोर्ट पर पहुँचे। उनके साथ उनके कुछ समर्थक भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। वही एयरपोर्ट पर पहले से ही दिनाकरन गुट के समर्थक मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को देखकर उन्होंने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। उन्होंने जेल में बंद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला के समर्थन में भी नारेबाजी की। उस वक्त पन्नीरसेल्वम के साथ सेल्लुर राजू भी मौजूद थे जो कभी दिनाकरन के करीबी माने जाते थे।
नारेबाजी को लेकर दोनों गुटों के समर्थकों में विवाद बढ़ गया और नौबत हाथापाई तक आ गई। विवाद को बढ़ता देख पुलिस ने मामले में दखल दिया और दोनों गुटों के विधायकों को एयरपोर्ट से खदेड़ा। स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस हंगामे की वजह से एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों को काफी परेशानी हुई।
हाल ही तमिलनाडु के सत्ताधारी दल एआईएडीएमके के दोनों धड़े एक हुए थे। इन्हें साथ लाने में भाजपा ने महती भूमिका निभाई थी। दोनों गुटों के एक होने के बाद लग रहा था कि अब तमिलनाडु में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो जाएगी। लेकिन एआईएडीएमके महासचिव शशिकला के भतीजे दिनाकरन के गुट के 19 विधायकों ने मुख्यमंत्री से अपना समर्थन वापस लेने की बात कह दी। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी में उनका विश्वास नहीं है। इससे पलानीस्वामी सरकार पर विधानसभा में बहुमत साबित करने का संकट उत्पन्न हो गया है। तमिलनाडु विधानसभा में कुल 233 सीटें हैं और एआईएडीएमके के कुल 134 विधायक हैं। दिनाकरन गुट के 19 विधायकों के समर्थन वापसी के बाद यह आंकड़ा घटकर 115 पर आ जाता है जो बहुमत के लिए जरूरी 117 विधायकों के समर्थन के आंकड़ें से कम है।
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला को खुद को पार्टी से किनारे किया जाना नागवार गुजरा है। शशिकला समर्थकों को कहना है कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी शायद यह भूल रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री किसने बनाया था। अगर तमिलनाडु विधानसभा पर गौर करें तो यहाँ कुल 233 सीटें हैं। एआईडीएमके के कुल 134 विधायक हैं। मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद 1 सीट रिक्त है। विपक्षी दल डीएमके के पास 89 विधायक हैं वहीं कांग्रेस के 8 विधायक हैं। क्षेत्रीय दल आईयूएमल का 1 विधायक है। तमिलनाडु की मौजूदा सरकार अल्पमत में हैं और 19 विधायकों की समर्थन वापसी के बाद मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के लिए बहुमत साबित करना बहुत मुश्किल होगा।