फ्रांस में राफेल का निर्माण करने वाली कंपनी ‘डसॉल्ट एविएशन’ के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने कहा है कि कंपनी भारत को वर्ष 2019 से राफेल विमान की डिलिवरी चालू कर देगी। एरिक ने ये बात ओरलैंडो में चल रहे बिजनेस जेट शो के दौरान कही हैं।
भारत ने डसॉल्ट के साथ 2016 में 36 राफेल विमान की डील पर हस्ताक्षर किए थे। तभी से भारत में विपक्ष ने इस डील को लेकर सरकार की मंशा पर ही सवाल उठाने चालू कर दिये थे। तब से अब तक विपक्ष इस मुद्दे को लेकर कभी शांत नहीं बैठा है।
हाल ही में फ्रांस यात्रा पर गईं देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने बयान दिया है कि डसॉल्ट कंपनी द्वारा अनिल अंबानी की कंपनी को अपना सहयोगी बनाने के पीछे केंद्र सरकार का कोई योगदान नहीं रहा है।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने तीन दिवसी फ्रांस के दौरे के दूसरे दिन ये बात कही। इस दौरान एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि यह डील दो देशों की सरकारों के बीच हुई है, इसमें किसी भी तरह से किसी कंपनी को सम्मिलित करने पर ज़ोर नहीं दिया गया है।
रक्षामंत्री ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि निर्माता कंपनी चाहे तो वो अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी कंपनी को अपना सहयोगी बना सकती है। इसमें सरकार का किसी भी तरह का कोई योगदान नहीं होता है।
अनिल अंबानी की कंपनी का चयन इसी के तहत हुआ है।
मालूम हो कि पहले खबरें आ रही थी कि इस डील में डसॉल्ट के साथ एचएएल (हिंदुस्तान ऐरोटोनिक्स लिमिटेड) मिलकर काम करेगी, लेकिन बाद में निर्मला सीतारमन ने एचएएल पर तंज़ कसते हुए इस बात का खंडन किया था। जिसका जवाब एचएएल ने इस साल अधिक राजस्व इकट्ठा कर दिया था।