नासा ने मंगलवार को भारत की एसैट सैटेलाइट के परिक्षण को भयावह करार दिया और कहा कि इससे अंतरिक्ष पर मलबे के 400 टुकड़े उत्पन्न हुए हैं। यह इंटरनेशनल स्पेस सिस्टम के नए अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नए खतरे की तरफ इशारा कर रहा है। हाल ही में भारत ने मिशन शक्ति का सफल परिक्षण किया जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय जगत जुली प्रतिक्रिया आयी हैं।
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के कर्मचारियों को जिम ब्रेडिस्टिन सम्बोधित कर रहे थे। भारत ने मिशन शक्ति का सफलतापूर्ण परिक्षण कर भारत को वैश्विक ताकतों में शुमार कर दिया था। भारत की एंटी सैटेलाइट हथियार ए-सैट ने सफलतापूर्वक धरती की निम्न कक्षा पर मौजूद सैटेलाइट को ध्वस्त कर दिया था। अब तक इसे ताकतवर देश जैसे अमेरिका, रूस और चीन ने ही यह कारनामा किया है।
गार्डियन के मुताबिक उन्होंने कहा कि “सभी टुकड़े बड़े नहीं है जिन्हे ट्रैक किया जा सके। बड़े मलबों को ट्रैक किया जा सकता है। हम 10 सेंटीमीटर और उससे बड़े 60 टुकड़ों को ट्रैक कर चुके हैं। लेकिन 24 टुकड़े इंटरनेशनल स्पेस सिस्टम की पराकाष्ठा से ऊपर जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “यह बेहद भयावह है। एक ऐसे कार्यक्रम का सृजन करना जिससे मलबा आईएसएस के पराकाष्ठा से भी ऊपर मलबा चला जाए, ये बेहद डरावना है। इस तरीके की गतिविधियां मानव स्पेसफ्लाइट के भविष्य के साथ अनुकूल नहीं है। यह अस्वीकृत है और नासा को प्रभाव के बाबत पूर्ण तरीके से स्पष्ट होने की जरुरत है।”
अमेरिका की सेना आईएसइस और सैटेलाइट से मलबे के टकराव के खतरे के कारण टुकड़ों को ढूंढ रही है। वह अभी 10 सेंटीमीटर से ऊपर के 23000 टुकड़ों को ट्रैक कर रही है। इसमें अंतरिक्ष मलबे के 10 हज़ार टुकड़े भी शामिल है और इसमें 3000 तो चीनी एंटी सैटेलाइट परिक्षण के दौरान उत्पन्न हुए थे।
उन्होंने बताया कि “भारत के परिक्षण से आईएसएस से 10 दिनों में टकराव की सम्भावना 44 फीसद बढ़ गयी है। लेकिन खतरे का अंदाजा समय के बीतने के दौरान मालूम होगा। जितना मलबा जलेगा वह पर्यावरण में प्रवेश करेगा।