भारत ने ब्राज़ील द्वारा तय प्राथमिक क्षेत्रों में अपने समर्थन को विस्तृत किया है, इसमें ब्रिक्स में आतंक विरोधी मसला भी शामिल है। ब्राज़ील में पहली ब्रिक्स शेरपा बैठक का आयोजन 14 और 15 मार्च को हुआ था। भारतीय प्रनिधि दल का नेतृत्व सचिव टीएस मूर्ति ने किया था। इस सम्मेलन का आयोजन ब्राज़ील की अध्यक्ष में हुआ था।
आधिकारिक बयान के मुताबिक “ब्राज़ील ने आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने को अपनी अध्यक्षता में ब्रिक्स की प्राथमिकताओं की सूची में शामिल किया है। इसके आलावा ब्राज़ील की प्राथमिकताएं इंटर-आलिआ साइंस, तकनीक, नवीनीकरण, डिजिटल इकॉनमी, न्यू डेवलपमेंट बैंक और ब्रिक्स बिज़नेस कॉउन्सिल के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद का खात्मा भी शामिल है।”
भारत ने प्राथमिक क्षेत्रों में अपने समर्थन को विस्तृत किया है खासकर, ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों के साथ आतंकवाद को यथार्थपूर्ण और अर्थपूर्ण तरीके से खत्म करने पर भारत ने सहयोग किया है। बयान के मुताबिक भारत ने “पीपल टू पीपल सहयोग को बढ़ाने, विज्ञान, तकनीक और नवीनीकरण में सहयोग और इसके साथ ही स्वास्थ्य और पारम्परिक मेडिसिन में सहयोग को बढ़ाने की जरुरत को रेखांकित किया है।”
ब्रिक्स में पांच प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं। इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। इन देशों की कुल जनसँख्या विश्व की 43 प्रतिशत है और इनकी जीडीपी वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की 37 फीसदी है। साथ ही इनका विश्व व्यापार में 17 प्रतिशत शेयर है। ब्रिक्स के संस्थापक देशों में भारत भी शामिल है।