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    मसूद अज़हर

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी रविवार को तीन दिवसीय चीनी यात्रा पर रवाना होंगे। इसमें वह चीनी नेतृत्व के साथ मसूद अज़हर पर रणनीतिक परामर्श करेंगे। शाह महमूद कुरैशी और चीनी अधिकारीयों के बीच परामर्श और विचार विमर्श का भाग मसूद अज़हर का मामला होगा।

    राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक “पाक विदेश मंत्री सोमवार और मंगलवार को रणनीतिक परामर्श के लिए बैठक करंगे। दोनों देश अफगान शान्ति मसला और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे।”

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 मिराज और 200 लड़ाकू विमानों से आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया है। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकवादियों के ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया था।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था। यह चौथी दफा है जब चीन ने तकनीकी आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया हैं। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।

    भारत ने इस मसौदे पर निराशा व्यक्त की है, लेकिन आतंकी सरगना को न्याय के कठघरे में खड़ा करने के लिए सभी उपयुक्त मार्गों को इस्तेमाल करने की बात कही है। जो हमारे नागरिकों पर आतंकी हमला करता रहा है।

    इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हम इस परिणाम से नाखुश हैं। विदेशी समुदाय द्वारा जैश ए मोहम्मद के सरगना को आतंकी सूची में शामिल करने को रोकना है। जैश ए मोहम्मद एक सक्रिय और प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जिसने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।”

    अमेरिका की और से सख्त सन्देश में राजनयिक ने कहा कि “अगर बीजिंग आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान या अन्य राष्ट्रों के आतंकियों को नहीं बचाना चाहिए। अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह चौथी दफा है जब चीन ने ऐसा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यदि चीन अड़ंगा लगाता रहा तो अन्य देशों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो कतई सही नहीं होगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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