देश में खाद्य पदार्थों की क्वालिटी और उनकी सुरक्षा को लेकर नज़र रखने वाली संस्था भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने दूध की क्वालिटी के संबंध में अपनी अन्तरिम रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि देश में मिलने वाला दूध अपेक्षाकृत सुरक्षित है।
FSSAI ने यह रिपोर्ट राष्ट्रीय दुग्ध गुणवत्ता सर्वे 2018 के आधार पर 6,432 सैंपल की जांच करने के बाद जारी की है।
अध्ययन ने बताया है कि इन सभी सैंपल में से महज 10 प्रतिशत सैंपल ही क्वालिटी मानक के विपरीत निकले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इन सैंपलों में कुल 13 तरह के पदार्थों की मिलावट की गयी है, जिनमे से अधिकांशतः सेहत के लिए खतरनाक है। कुछ सैंपलों में कीटनाशक व एंटिबायोटिक भी पाये गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार कुछ सैंपल में यूरिया, डिटर्जेंट, ग्लूकोज व अमोनियम सल्फेट भी पाया गया है, ये सभी तत्व सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं। हालाँकि ऐसे सैंपलों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। कुछ सैंपल में फैट की मात्रा भी निर्धारित अनुपात के अनुसार नहीं मिली है।
FSSAI ने अभी यह नहीं स्पष्ट किया है कि देश के किस कोने से आए सैंपल अधिक खराब निकले हैं।
गौरतलब है कि देश में इस्तेमाल होने वाले कुल दूध का 20 प्रतिशत हिस्सा ही प्रोसैस्ड होता है, जबकि इन अध्ययन के लिए लिए गए सैंपल में से 41 प्रतिशत सैंपल प्रोसैस्ड मिल्क के ही थे। ऐसे में रिपोर्ट के आँकड़ों को बिलकुल सटीक कहना जल्दबाज़ी होगी।
इस जांच में सामने आया है कि कई सैंपलों में कुल 18 कीटनाशक का इस्तेमाल किया गया था। जबकि अमोनियम सल्फेट 195 सैंपल में पाया गया है। वर्तमान में FSSAI ने देश में दूध के लिए अमोनियम सल्फेट की कोई मात्रा निश्चित नहीं की है।