उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी कुछ दिन पहले, राजस्थान में एक रैली के दौरान ,भगवान हनुमान को दलित बुलाया था। उनका सिर्फ ये बोलना ही काफी था कि सियासत गरमा गयी। बाद में, कई राजनेताओ ने इनके इस बयां की निंदा की थी। और अब इसी मामले में, “सर्व ब्राह्मण महासभा” के राष्ट्रपति सुरेश मिश्रा ने निचली अदालत में योगी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
मिश्रा ने आदित्यनाथ पर ये इलज़ाम लगाते हुए कहा है कि उनके इस बयां ने हिन्दू समाज के लोगो की भावनायों को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय दंड साहिता की धारा 295(किसी पूजाघर को नुकसान पहुँचाना ताकी उस समुदाय के धर्म का अपमान हो), 295(ए) (किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए कोई घटिया काम करना) और 298(ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना जिससे किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनायों को आहत पहुंचे) के तहत ये मामला दर्ज कराया गया है।
इससे पहले महासभा ने मुख्यमंत्री जी से माफ़ी मांगने को भी कहा था और साथ में ये धमकी भी दी थी अगर उन्होंने तीन दिनों के अन्दर माफ़ी नहीं मांगी तो उनके ऊपर कानूनी कार्यवाई की जाएगी।
अलवर के मालपुरा में एक चुनावी रैली के दौरान, क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार राम किशन के पक्ष में प्रचार करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था- “भगवान हनुमान दलित थे, वो जंगलों के निवासी थे। उन्हें समाज से निकाल दिया गया था।” उन्होंने हनुमान जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी वजह से पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक सब एक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि “हमें हनुमान जी की तरह संकल्प लेना चाहिए कि जब तक राम जी का काम पूरा नहीं होता तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।”
इस मामले की सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।