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    बेसन

    बेसन रसोई का एक अहम् हिस्सा है, जिसका उपयोग खाने, त्वचा सम्बन्धी कारणों और अन्य कई तरीकों से किया जाता है।

    बेसन चने की दाल को पीसकर बनाया जाता है। यह देखनें में हलके पीले रंग का होता है।

    इस लेख में हम बेसन से सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे।

    विषय-सूचि

    बेसन क्या है?

    बेसन मुख्य रूप से चने की दाल को पीसकर बनाया जाता है। इसे कच्चे या भुने हुए दोनों प्रकार के चनों से बनाया जा सकता है। भुने हुए चने से बनाया गया बेसन ज्यादा स्वादिष्ट होता है।

    चने से बेसन

    बेसन को अंग्रेजी में ग्राम फ्लौर, तेलुगु में सनागापिंडी, तमिल में कदलाई माव कहा जाता है।

    मुख्य रूप से बेसन में कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन पाया जाता है।

    बेसन का इस्तेमाल खाने में तो किया जाता ही है, साथ ही कई सौन्दर्य पदार्थों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

    बेसन में मौजूद पोषक तत्व

    100 ग्राम बेसन में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं-

    1. पोटैशियम – 846 मिलीग्राम
    2. मैग्नीशियम – 41%
    3. विटामिन बी-6 25%
    4. आयरन – 27%
    5. कैल्शियम – 4%
    6. वसा – 7 ग्राम
    7. कलेस्टरॉल – 0 मिलीग्राम
    8. शुगर – 11 ग्राम
    9. सोडीयम – 64 मिलीग्राम
    10. फ़ाइबर – 11 ग्राम
    11. कुल कैलोरी – 387
    12. थायमीन – 0.4 मिलीग्राम
    13. ज़िंक – 2.6 मिलीग्राम
    14. कॉपर – 0.8 मिलीग्राम
    15. विटामिन के – 10%
    16. विटामिन ए – 1%
    17. नियासिन – 1.6 मिलीग्राम
    18. राइबोफ्लेविन – 0.1 मिलीग्राम

    बेसन के फायदे

    1. बेसन वजन घटाने में मददगार

    यह बात शोधों से साबित की गई है कि बेसन वज़न घटाने में सहायता करता है। 2010 में एक शोध किया गया और उसमें कुछ लोगों पर बारह हफ़्तों तक अध्ययन किया गया। शोध में यह पाया गया कि बेसन के सेवन से इन सभी व्यक्तियों के मोटापे में काफ़ी सुधार हुआ।

    वज़न घटाने में बेसन किस प्रकार सहायता करता है यह बात 2011 में नूट्रिशन जनरल के शोध में बतायी गयी।

    बेसन प्रोटीन से परिपूर्ण होता है। शोध में यह बात बतायी गई कि वज़न घटाने में हाई प्रोटीनयुक्त पदार्थ हाई कार्बनयुक्त आहार से ज़्यादा मदद करते हैं।

    बेसन न सिर्फ़ शरीर को प्रोटीन देता है बल्कि ये प्रोटीन को एमिनो ऐसिड में तोड़ने में भी मदद करता है। इस तरह शरीर में इस प्रक्रिया के लिए 30 प्रतिशत ऊर्जा ख़र्च होती है। ऊर्जा की इतनी मात्रा ख़र्च होने से वज़न तेज़ी से घटना शुरू हो जाता है।

    सबसे अच्छी बात ये है कि बेसन न सिर्फ़ वज़न घटाता है बल्कि उस वज़न को वापस शरीर पर आने से भी रोकता है।

    यदि नियमित रूप से बेसन और बेसन से बनी हुई चीज़ों का सेवन किया जाए तो वज़न घटाने में काफ़ी मदद मिल सकती है।(1)

    2. बेसन कोलेस्ट्रोल कम करता है

    हमारे शरीर में दो प्रकार का कलेस्टरॉल पाया जाता है; एक हमें नुक़सान पहुँचाता है और एक फ़ायदा पहुँचाता है। यदि हमारे शरीर में नुक़सान पहुँचाने वाले कलेस्टरॉल का स्तर बढ़ जाए तो हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह इस कलेस्टरॉल का स्तर घटना आवश्यक है।

    ऑस्ट्रेलिया में एक शोध किया गया। उसमें यह पाया गया कि बेसन फ़ाइबर और पालीअनसैचुरेटेड एसिड्स से भरपूर होता है। ये शरीर में नुक़सान पहुँचाने वाले कलेस्टरॉल का स्तर कम कर देता है।

    शोध में यह भी पाया गया कि बेसन में बैड कलेस्टरॉल को कम करने की आटे से अधिक क्षमता होती है।

    इसी प्रकार यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया कि बेसन बैड कलेस्टरॉल के स्तर को कम कर देता है।(2)

    चीन में हुए अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि बेसन बैड कलेस्टरॉल के स्तर पर प्रभाव डालता है। बेसन न सिर्फ़ बैड कलेस्टरॉल को कम करता है बल्कि यह लाभदायक कलेस्टरॉल की मात्रा को भी बढ़ाता है।

    3. बेसन हृदय रोगों की संभावनाओं को कम करता है

    हम सभी जानते हैं कि पोटेशियम रक्तचाप को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    इस तरह बेसन के सेवन से रक्तचाप को नियमित किया जा सकता है। बेसन मिनरल्ज़, फाइबर्स, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है जोकि हृदय रोग की संभावनाओं को कम करते हैं।

    यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया है कि चने का आटा या बेसन उन मिनरल्ज़ से भरपूर होता है जोकि रक्त में कलेस्टरॉल की मात्रा को कम करते हैं।

    3 चम्मच बेसन ठीक उतने ही पोटैशियम से भरपूर होता है जितना कि एक केला।(3)

    बेसन प्रोटीन को अमीनो ऐसिड में परिवर्तित करने में सहायक होता है। इस दौरान बेसन शरीर की 30 प्रतिशत ऊर्जा को ख़र्च करवा देता है। इस तरह शुगर या ग्लूकोस के कण अतिरिक्त होकर रक्त में जमने से बच जाते हैं और रक्त गाढ़ा नहीं होने पाता। इस प्रकार बेसन हृदय रोगों की संभावनाओं को कम करता है।

    4. एनीमिया के उपचार में

    हम सभी जानते हैं कि एनीमिया रक्त की कमी से होता है। शरीर में रक्त की कमी तभी होती है जब शरीर में आयरन का स्तर घट जाता है। इस तरह आयरन की कमी होने से एनीमिया या रक्ताल्पता रोग हो जाता है।

    चूँकि बेसन में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है अतः बेसन के सेवन से एनीमिया से बचा जा सकता है।

    बेसन उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है जोकि शाकाहारी हैं। मांस में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है लेकिन शाकाहारी लोग इस आयरन को नहीं प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में बेसन उनकी काफ़ी मदद कर सकता है।

    आप जितने कप बेसन उपयोग करते हैं शरीर में उसी अनुपात में आयरन बनता है। यह आयरन लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये कणिकाएं शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाती हैं।

    इस तरह आयरन अप्रत्यक्ष रूप से रक्त का उत्पादन करता है अतः शरीर में इसकी निश्चित मात्रा होना ज़रूरी है। यदि आप अपने शरीर में रक्त की मात्रा को संतुलित रखना चाहते हैं तो आपको बेसन का सेवन करना चाहिए।

    5. बेसन थकान से राहत दिलाता है

    बेसन थकान को कम करने में सहायता करता है। बेसन पाचन क्रिया को थोड़ा स्लो कर देता है।

    पाचन क्रिया के स्लो हो जाने से शुगर डाइजेस्टिव ट्रैक से रक्त तक धीरे धीरे आती है। इस तरह हमें शरीर में कम थकान का अनुभव होता है।

    6. बेसन हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है

    स्वस्थ और मज़बूत हड्डियों के लिए शरीर में कैल्सीयम की प्रचुर मात्रा होना आवश्यक है। जब शरीर में कैल्सीयम की कमी हो जाती है तो हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।

    बच्चों में कैल्सीयम की कमी होने से नाटेपन की समस्या हो जाती है। इस तरह शरीर में कैल्सीयम होना अत्यंत आवश्यक है।

    फिजीशियन कमिटी फ़ॉर रिस्पॉन्सबिल मेडिसन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि बेसन में कैल्सीयम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।

    कैल्सीयम के अलावा बेसन में फॉस्फोरस, मैगनीशियम, मिनरल्ज़ और अन्य ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए आवश्यक हैं।

    इस प्रकार बेसन का नियमित रूप से सेवन करने पर हमें हड्डियों के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं।

    7. कोलोन कैन्सर से बचाव

    अमेरिकन इन्स्टिट्यूट फ़ॉर कैन्सर रीसर्च की रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया है कि बेसन में सैपोनिन और लिग्नांस नामक तत्व पाए जाते हैं जो कोलोन कैन्सर के विरुद्ध कार्य करते हैं।

    बेसन में फ़्लेवोनॉयड़्स, इनोसीटोल, ट्राइटरपेनॉयड्स, स्टेरोल्स, प्रोटीएज़ व इनहिबिटोर्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।

    तुर्क में हुए एक शोध में ये पाया गया है कि ये सभी एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोलोन कैन्सर से रक्षा करते हैं।

    मैक्सिको के एक अध्ययन के अनुसार भी यह पाया गया है कि बेसन कोलोन कैन्सर से रक्षा करता है। यह डीएनए और प्रोटीन की ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।(4)

    यह बीटा-कैटेनिन की कार्यविधि को भी प्रभावित करता है जोकि ट्यूमर कोशिकाओं को बनाने के लिए ज़िम्मेदार होता है।

    8. उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में

    एक शोध से यह बात सामने आयी है कि बढ़ती उम्र के साथ होने वाले अनियमित रक्तचाप को बेसन भलीभाँति नियंत्रित करता है।

    बेसन में सोडियम की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। इस तरह बेसन रक्तचाप को बढ़ने नहीं देता।

    चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि बेसन ना सिर्फ़ रक्तचाप को नियमित करता है बल्कि ये रक्त में मौजूद अतिरिक्त वसा को रक्त से निकालने का भी कार्य करता है।

    एक व्यस्क व्यक्ति को एक दिन में सोडियम की 2300 मिलीग्राम मात्रा की आवश्यकता होती है। यदि शरीर में सोडियम कि इससे कम या ज़्यादा मात्रा हो जाए तो रक्तचाप अनियमित हो जाता है।

    बेसन शरीर में सोडियम की एक निश्चित मात्रा की पूर्ति करता है। इसके अतिरिक्त यह शरीर में मौजूद फ़ालतू सोडियम को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करता है।

    कनाडा में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है की बेसन हाइपर टेन्शन को कम करता है और नसों में रक्त का प्रवाह सुदृढ़ करता है।

    अनेकों शोध बेसन के नियमित सेवन के लिए प्रेरित करते हैं। इसी प्रकार स्वीडन में हुए एक अध्ययन में यह कहा गया कि जो लोग अपने आहार में बेसन लेते हैं उनका रक्तचाप नियमित रहता है। इसे कार्डीओ मेटाबॉलिक का ख़तरा भी कम रहता है।

    9. टैनिंग के विरुद्ध

    धूप के कारण हमारी त्वचा टैन हो जाती है। इस तरह हमारी त्वचा अपना असली निखार और रंगत खो देती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेसन का प्रयोग किया जा सकता है।

    4 टेबलस्पून बेसन, 1 टेबलस्पून नींबू का रस और 1 टेबलस्पून दही को एक साथ लें। इसमें एक चुटकी नमक भी मिलाएँ। अब इन सभी इन्ग्रिडिएंड्स को एक साथ आपस में मिला लें।

    इस पैक को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे एक घंटे के लिए छोड़ दें जब तक कि यह सूख ना जाए। सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। यह टैन स्किन के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है।

    10. मधुमेह से बचाव

    अमेरिकन डाइबीटीज़ असोसीएशन ने ग्राम फ़्लोर या बेसन को मधुमेह पीड़ित लोगों के लिए सबसे उत्तम भोजन क़रार दिया है।

    बेसन में शुगर की अत्यंत कम मात्रा पाई जाती है। इसके अतिरिक्त बेसन रक्त में मौजूद अतिरिक्त वसा और शुगर के कणों को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।

    बेसन में फ़ाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यह फ़ाइबर रक्त से शुगर के अवशोषण की दर को कम कर देता है। इस प्रकार टाइप टू डाइबीटीज़ से शरीर की रक्षा होती है।

    अमेरिकन जनरल ऑफ क्लीनिकल नूट्रिशन में यह बात बतायी गई कि बेसन के सेवन के 120 मिनट बाद रक्त में इन्सुलिन का लेवल घट जाता है।

    11. ड्राई हेयर की समस्या से छुटकारा

    बालों की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बेसन का प्रयोग किया जाता है। अगर आपके बाल बहुत ड्राई हो रहे हैं तो इन पर बेसन पर लगायें।

    2 टेबलस्पून बेसन, 1 टेबलस्पून नारियल का तेल, 2 टेबलस्पून दही और 2 टेबलस्पून शहद को एक साथ मिलायें। इसमें थोड़ा सा पानी डाल लें और इसे पेस्ट का रूप दे दें।

    इस पेस्ट को अपने बालों पर लगाएं और उससे मसाज़ करें। थोड़ी देर तक अपने बालों को यूँ ही छोड़ दें। उसके बाद उन्हें गर्म पानी से धो लें।यह पेस्ट बालों को चमक देता है

    एक बात का विशेष रूप से ख़याल रखें कि पानी अत्यधिक गरम नहीं होना चाहिए बल्कि यह गुनगुना होना चाहिए।

    12. त्वचा के निखार वह मुंहासों के विरुद्ध

    बेसन त्वचा के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। यह त्वचा की कई समस्याओं को से छुटकारा दिलाता है।

    यदि चेहरे पर अत्यधिक ऑयल हो रहा हो तो बेसन में दही और कच्चा दूध मिलाकर लगाएं।कुछ देर तक चेहरे को यूँही छोड़ दें और उसके बाद इसे नॉर्मल पानी से धो लें।यह चेहरे से अतिरिक्त ऑयल को साफ़ कर देता है।

    यदि चेहरे पर मुँहासे हो रहे हों तो बेसन का पैक लगाने से मुहांसों से छुटकारा पाया जा सकता है। बेसन में पाया जाने वाला ज़िंक मुंहासों के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम होता है।

    इसके अतिरिक्त बेसन में पाया जाने वाला फ़ाइबर उन ब्लड शुगर के स्तर को नियमित करता है जोकि त्वचा पर मुंहासों की समस्या को उत्पन्न करते हैं।

    बेसन और हल्दी की एक बराबर मात्रा को एक साथ मिला लें। इसमें एक टीस्पून नीबू का रस और एक टीस्पून शहद मिलाएँ। इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट के लिए इसे छोड़ दें और फिर इसे गुनगुने पानी से धो लें। यह मुंहासों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक उत्तम औषधि है।

    13. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए

    बेसन में विटामिन बी-6 की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जिससे कि प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से बेसन का सेवन करते हैं उनका प्रतिरक्षा तंत्र अन्य व्यक्तियों के मुक़ाबले अधिक मज़बूत है।

    बेसन शरीर को बैक्टीरियल, वाइरल या फंगल इन्फ़ेक्शन से लड़ने के लिए शक्ति देता है। इतना ही नहीं बेसन के प्रयोग से ऐलर्जी से छुटकारा मिलता है।

    14. बालों को बढ़ाने के लिए

    अगर बाल तेज़ी से झड़ रहे हैं तो बेसन के द्वारा बालों की वृद्धि और उन्हें झड़ने से रोकने में काफ़ी मदद मिल सकती है।

    बेसन, दही और 1 टीस्पून ऑलिव ऑयल को एक साथ मिला लें। इसे अपने बालों की जड़ों और ऊपर तक लगायें। जब यह पैक सूख जाए तो इसे ठंडे पानी से धो लें। आप अच्छे परिणाम के लिए हफ़्ते में 2 बार इसका प्रयोग कर सकते हैं।

    अगर आपके बाल बहुत ज़्यादा ड्राई या फ़्रीजी हैं तो दो विटामिन ई कैप्सूल भी अपने इस हेयर मास्क में मिला लें और फिर इसे बालों में लगाएं।

    ये सभी बेसन के फ़ायदे हैं। यक़ीनन आपको बेसन की महत्वता के बारे में पता चल गया होगा। जैसा कि हम सभी को पता है कि हर चीज़ के दो पहलू होते हैं; सकारात्मक और नकारात्मक। उसी प्रकार बेसन के भी दो पहलू हैं।

    जिस तरह बेसन हमारे लिए फ़ायदेमंद है ठीक उसी तरह इसके कुछ नुक़सान भी हैं। आइये अब बात करते हैं कि बेसन के क्या नुक़सान होते हैं।

    बेसन त्वचा के लिए

    1. त्वचा की तैलीयता दूर करे

    यदि आपकी त्वचा अत्यधिक तैलीय है तो त्वचा में तेल का संतुलन बनाये रखने के लिए बेसन अत्यधिक उपयोगी होता है

    यह आपकी त्वचा की सफाई करता है और अतिरिक्त तेल को दूर कर देता है। बेसन में गुलाबजल डाल लें क्योंकि इसमें ऐस्त्रिन्जेंट के गुण होते हैं जो आपकी त्वचा में निखार लाते हैं।

    2. रूखी त्वचा को नमी प्रदान करे

    बेसन में पायसीकरण के गुण होते हैं जो जैतून के तेल में इसे अच्छे से घुलने में मदद करते हैं। जैतून के तेल में मौजूद फैट और योगर्ट त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और एंटीओक्सीडैन्ट्स फ्री रेडिकल क्षति से बचाते हैं। 

    विधि:

    • 1 बड़ा चम्मच अतिशुद्ध जैतून का तेल, 1 बड़ा चम्मच योगर्ट 2 बड़े चम्मच बेसन में डाल लें
    • सभी चीजों को मिलाकर पेस्ट बना लें
    • इस पेस्ट को चेहरे पर लगा लें और 20 मिनट तक लगा रहने दें
    • ठन्डे पानी से धो लें
    • मुलायम तौलिये से पोंछ लें

    3. चेहरे के बाल हटाये

    चेहरे पर मौजूद हलके बाल दिखते नहीं हैं लेकिन जब आप मेकअप करते हैं या धूप में बाहर जाते हैं तो ये छलकने लगते हैं। इनसे निजात पाने के लिए आप बेसन, हल्दी और योगर्ट से बने फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब आपका फेस पैक सूखकर कड़क हो जाता है तो आपके चेहरे के बाल इससे चिपक जाते हैं और बाहर आ जाते हैं।

    विधि:

    • एक कटोरी में 2 बड़े चम्मच बेसन और 2 चम्मच हल्दी मिला लें
    • इस मिश्रण में योगर्ट या दूध डालकर पेस्ट बना लें
    • अपने चेहरे पर इसकी मोटी परत लगा लें और इसे सूखने दें
    • बालों वाले स्थान को बालों के उगने की विपरीत दिशा में रगडें
    • रगड़ कर पूरा पैक निकाल दें
    • चेहरे को ठन्डे पानी से धो लें या इस पर आइस पैक लगा लें
    • मुलायम तौलिये से इसे पोंछ लें और मॉइस्चराइज कर लें
    • जब तक बाल न निकल जाएँ तब तक इसे हफ्ते में दो बार लगायें

    ध्यान रखें

    यह सिर्फ आपके हलके बालों को हटाता है। आयब्रो या ऊपरी होंठों के बालों को हटाने की क्षमता इसमें नहीं होती है।

    4. मृत त्वचा हटाये

    यदि आपको मुलायम और चिकनी त्वचा चाहिए तो क्लींजिंग काफी नहीं होती है। इसके लिए आपको अपनी त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाना पड़ता है।

    इसके लिए आप बेसन का स्क्रब इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे चावल के आटे, बादाम के चूर्ण, हल्दी या योगर्ट के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। 

    विधि:

    • 1 बड़ा चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच चावल का चूर्ण, 1 बड़ा चम्मच बादाम का चूर्ण और 1 चुटकी हल्दी मिला लें। 
    • इसमें योगर्ट मिलाकर पेस्ट बना लें। 
    • इस पेस्ट को स्क्रब की तरह इस्तेमाल करें और अपनी त्वचा को 2-3 मिनट के लिए मल लें। 
    • इस पेस्ट को ठन्डे पानी से धो लें। 

    ध्यान रखें

    इस पूरी प्रक्रिया को हलके हाथ से करें। 

    5. टेन हटाये

    आपने अक्सर ये देखा होगा कि धूप में अधिक समय व्यतीत करने के बाद आपकी त्वचा की रंगत में कालापन आ जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि धूप में निकलने पर आपकी त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन होता है जिसके कारण आपका रंग काला पड़ जाता है। यदि आपकी त्वचा टेन हो गयी है तो इससे निजात पाने के लिए आप बेसन का प्रयोग कर सकते हैं। 

    विधि:

    • 2 बड़े चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच योगर्ट, 1 चम्मच नीम्बू का रस और 1 चुटकी हल्दी मिला लें। 
    • इससे पेस्ट बनाकर अपनी त्वचा पर लगा लें। 
    • इसे सूखने दें। 
    • फिर पानी से धो लें। 
    • मुलायम तौलिये से पोंछ लें। 

    6. मुंहासों से छुटकारा

    यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो इसका अर्थ है कि आपको मुंहासों की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके लिए आप बेसन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये आपकी त्वचा से अतिरिक्त तेल सोख लेता है जिससे मुंहासों से निजात मिलता है। 

    विधि:

    • 1 बड़ा चम्मच शहद और 2 बड़े चम्मच बेसन मिला लें। 
    • इस मिश्रण को अपनी त्वचा पर अच्छी तरह लगा लें। 
    • इसे 20-30 मिनट तक लगा रहने दें जब तक ये सूख न जाये। 
    • इसे गुनगुने पानी से धो लें या गीले कपडे से साफ़ कर लें। 
    • मुलायम तौलिये से पोंछ लें

    बेसन से चेहरा कैसे धोये:

    • 2 बड़े चम्मच बेसन में गुलाब जल डालकर पेस्ट बना लें
    • इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगा लें
    • इसे 20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें और सूखने दें
    • ठन्डे पानी से धो लें
    • तौलिये से पोंछ लें

    बेसन के नुकसान

    यदि अत्यधिक मात्रा में प्रतिदिन बेसन प्रयोग किया जाए तो यह पेट के लिए नुक़सानदायक होता है। यह पेट में चिपचिपापन पैदा कर सकता है जिससे कि पेट में दर्द की समस्या हो जाती है।

    इतना ही नहीं यह पेट के हार्मोन्स के स्तर को असंतुलित कर देता है जिससे कि पेट में गैस बनने लगती है।

    इसके अलावा जो लोग बेसन की ऐलर्जी की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें बेसन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

    नि:संदेह बेसन बहुत फ़ायदेमंद होता है और अगर आप इसके फ़ायदे लेना चाहते हैं तो पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपको इससे ऐलर्जी नहीं है।

    ऐलर्जी की हालत में बेसन आपको नुकसान पहुँचा सकता है।

    One thought on “बेसन के फायदे, नुकसान व सौंदर्य लाभ”

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