उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले को 3 दिसंबर को गाय से जुड़ी एक हिंसा के मैदान में तब्दील होते देखा गया। इस भयानक हिंसा में सुबोध कुमार सिंह नाम के एक पोलिसवाले की हत्या हो गयी थी। और इसी हिंसा का दूसरा शिकारी, उपद्रव फ़ैलाने वाला एक गांव का निवासी था। इस पूरे मुद्दे ने उत्तरप्रदेश की राजनीती में एक नया मोड़ ले लिया है और इसी पर चर्चा करने के लिए, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
जब सोमवार को बुलंदशहर में ये भयानक हिंसा चल रही थी उस वक़्त योगी आदित्यनाथ, अपने गांव गोरखपुर में एक लेज़र शो का लुत्फ़ उठा रहे थे। उनका ऐसा करने पर उन्हें विपक्ष की तरफ से कड़ी निंदा का सामना भी करना पड़ा। उनका ऐसा इलज़ाम था चुनाव से पहले समाज में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के लिए ऐसी साजिश रची गयी है।
इस घटना के तीन दिन बाद, जिसे इस मामले का मुख्य आरोपी बताया जाता है, वे खुला घूम रहा है और सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिये खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश कर रहा है। योगेश राज नाम के एक आरोपी ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया तबकी शिखर अग्रवाल नाम के दूसरे आरोपी ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर खुद के बेगुनाह होने का दावा किया।
आदित्यनाथ ने सिंह के परिवारवालो को 50 लाख रूपये देने का ऐलान भी किया मगर उनका परिवार अभी तक शांत नहीं हुआ है। सिंह के बहन ने कहा था-“हमे पैसो की जरुरत नहीं हैं। मुख्यमंत्री जी केवल गाय, गाय, गाय ही करते रहते हैं।”
उत्तरप्रदेश सरकार ने एक ‘विशेष जांच दल’ का गठन किया है जो बुलंदशहर दंगो की जाँच करेगा और साथ ही ये भी पता लगाएगा कि ये दंगे किसने भड़काए हैं और कौन इनका मुख्य दोषी है। राज्य सरकार ने ये भी कहा कि खेतो में दफनाये जाने वाली गाय की हड्डियों के पीछे जिसकी भी राजनीतिक साजिश है, वे उसका भी पता लगायेंगे। उनके अनुसार, ऐसी जगह जहाँ गौहत्या पर प्रतिबन्ध है और जहाँ लोग अभी भी गौरक्षा को लेकर भावुक हैं वहा ऐसा करना किसी अपराध से कम नहीं है।