कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ‘चौकीदार चोर है’ का नारा लगा रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आखिरकार भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है। यह गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव व महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए किया गया है।
वोरली होटल में आयोजित एक प्रेस कॉफ्रेंस में सीएम देवेंद्र फडण्वीस ने तय शर्तों के मुताबिक बताया कि,”कुल 48 सीटों में से भाजपा 25 औऱ शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 50-50 का फार्मूला विधानसभा की कुल 288 सीटों के लिए अपनाया जाएगा।” इस प्रेस वार्ता में भाजपा प्रमुख अमित शाह और शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे।
सीएम ने यह भी बताया कि “राज्य में मुख्य पदों के लिए दोनों ही पार्टियों को बराबर पद मिलेगा। शिवसेना की ओर से सीएम कुर्सी की मांग को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। इसपर बाद में विचार किया जाएगा।” लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि, “इस गठबंधन से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बेहद फायदा होगा। राज्य के 48 सीटों में से 45 जीतना हमारा तय है।” वहीं ठाकरे ने कहा कि, “बीतें दिनों जो भी हुआ हम उसे भूलाकर ‘दिल से’ साथ आए हैं।”
शाह ने कहा कि, जमीनी स्तर पर बूथ लेवल कार्यकर्ता यह गठबंधन चाहते थे क्योंकि शिवसेना-भाजपा दोनों ही पार्टियों की विचारधारा ‘हिंदुत्व व राष्ट्रवाद’ है। ठाकरे ने पुलवामा हमले में शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाने का आश्वासन भी दिया।
हालांकि तीनों ही नेताओं ने मीडियाकर्मियों के सवाल नहीं सुने। शाह ने यह भी कहा कि शिवसेना की ओर से आए मांगों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार काम कर रही है। तभी उन्होंने राम मंदिर के ईर्द-गिर्द 66 एकड़ विवादित जमीन को वापस करने के लिए कोर्ट से अपील की है। 500 मीटर तक की जमीन पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगे शिवसेना के इस मांग पर भी सीएम विचारणीय है। उन्होंंने बीएसी को इसके लिए प्रारुप भेजने को कहा है। किसानों की कर्ज माफी व एमएसपी को लेकर भी सरकार विचार कर रही है। जल्द ही निष्कर्ष निकालेगा।”
फडण्वीस ने कहा कि, शिवसेना के साथ आने से स्थानीय लोगों तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी।